सौर ऊर्जा की बिजली से चलेगी ट्रेन:ग्रीन एनर्जी के लिए समस्तीपुर रेलवे मंडल प्रशासन बना रहा दो सब स्टेशन
समस्तीपुर रेलवे मंडल प्रशासन ग्रीन एनर्जी से ट्रेनों का परिचालन करने की तैयारी कर रह है। इस एनर्जी से रेलवे स्टेशनों को भी जगमग किया जाएगा। ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजना के तहत दो रेल खंडों पर दो ग्रीन एनर्जी पावर सब स्टेशन का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए रेलवे मंडल द्वारा निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। रेलवे की योजना है कि इन दोनों पावर सब स्टेशन से प्रतिदिन 40 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा, जिससे रेलवे स्टेशन को तो जगमग किया ही जाएगा। ट्रेनों का भी परिचालन होगा। इसके साथ ही अगर बिजली की खपत कम होती है तो इसे स्थानीय प्रशासन से सामंजस्य स्थापित कर उन्हें भी आपूर्ति दी जाएगी।
दो जगह पर बनेगा ग्रीन पावर सर्विस स्टेशन
DRM विनय श्रीवास्तव ने बताया कि इसके लिए प्रथम चरण में समस्तीपुर रेलवे मंडल के दौरम मधेपुरा में 2.5 मेगावाट और पंडौल स्टेशन के पास 7.5 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए सब स्टेशन का निर्माण कराया जाएगा। इन दोनों योजना पर करीब 50 करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है। इन दोनों योजना पर कार्य को लेकर रेलवे मंडल प्रशासन ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली है। जल्द ही इसपर काम शुरू किया जाएगा।
30 स्टेशनों को ग्रीन एनर्जी से किया जा रहा है जगमग
मंडल प्रशासन ने बिजली की बचत को लेकर हाल ही मंडल के 30 स्टेशनों को सौर ऊर्जा से जगमग किया था। स्टेशनों पर मिल रही सफलता के बाद अब सौर उर्जा पावर सब स्टेशन बनाने की कवायद तेज की गई है। डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली की खपत को कम करने के लिए रेलवे मंडल प्रशासन सार्वजनिक और निजी साझेदारी के तहत समस्तीपुर रेलवे मंडल के दौरम मधेपुरा में 2.5 मेगावाट और पंडौल स्टेशन के पास 7.5 मेगावाट कुल 10 मेगावाट की ग्राउंड माउंटेड सौर ऊर्जा परियोजना को लेकर सब स्टेशन निर्माण करने वाली है। इस दोनों योजना को पूरा करने में करीब 50 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
प्रतिदिन 40 हजार यूनिट बिजली का होगा उत्पादन
डीआरएम ने बताया कि इन दोनों योजना के शुरू हो जाने पर प्रतिदिन लगभग 40 हजार यूनिट प्रदूषण मुक्त बिजली का उत्पादन होगा। यह बिजली रेनुवल एनर्जी की दिशा में रेलवे द्वारा बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस परियोजना से रेलवे को सस्ती दरों पर और सौर ऊर्जा से प्राप्त बिजली मिलेगी। जिसका इस्तेमाल बिजली ट्रेनों के परिचालन में भी किया जाएगा। उत्पादन की अधिकता की स्थिति में इस बिजली का उपयोग बिहार सरकार के माध्यम से आम जनता के उपयोग के लिए भी दिया जाएगा।इस दोनों प्लांट के शुरू होने से समस्तीपुर रेलवे मंडल में बिजली के मद्य में खर्च होने वाले करोड़ों रुपए की बचत होगी। जिससे रेलवे का खर्च घटेगा ।और आय में बढ़ोतरी होगी जिसका लाभ आम यात्रियों को भी मिलेगा।
किस तरह से करेगा काम
डीआरएम ने बताया कि समस्तीपुर रेलवे मंडल में अभी औसतन 1 लाख यूनिट रोजाना की खपत है। पहले चरण में सौर ऊर्जा पावर सबस्टेशन से 40000 यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य। उन्होंने बताया कि इस सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली एक सिस्टम के जरिए उपयोग किया जाएगा। जिससे मंडल में बिजली की खपत कम हो जाएगी। आने वाले दिनों मे 60000 और ग्रीन एनर्जी उत्पादन को लेकर कार्य योजना बनाई जा रही है।