Tuesday, November 12, 2024
Patna

बुजुर्गों ने कहा- रेल यात्रा में मिले रियायत,सड़क किनारे बैठने की हो व्यवस्था, मिले यह सुविधा 

National Senior Citizens Day: मुजफ्फरपुर शहर में रहने वाले बुजुर्गों की कई समस्याएं हैं. जिनका निदान नहीं हो पा रहा है. कुछ समस्या जिले के प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ी है तो कुछ राज्य और केंद्र सरकार से. बुजुर्ग चाहते हैं कि उनकी उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए सरकारी विभागों में उनके लिए अलग व्यवस्था हो, जिससे उन्हें इंतजार नहीं करना पड़े. सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए भी अलग काउंटर और वार्ड बने.

 

 

केंद्र सरकार बुजुर्गों को रेलवे की यात्रा में मिलने वाली छूट को फिर से शुरू करे, जिससे उनका आर्थिक बोझ कम हो. इसके अलावा शहर के मुख्य मार्गों के किनारे बेंच लगाया जाए, जिससे पैदल चलन वाले बुजुर्ग थक गए हों तो वहां बैठ कर कुछ देर आराम कर सके. इसके अलावा बुजुर्गों के लिए शहर में यूरिनल और टॉयलेट की व्यवस्था हो. राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस पर यहां बुजुर्गों की मांगों का साझा किया जा रहा है.

 

बैंकों में बुजुर्गों के लिए बने अलग काउंटर

बुजुर्गों के लिए सरकार बहुत सारी योजनाओं पर बात करती हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आता. हम बुजुर्गों को पेंशन या अन्य कार्यों के लिए बैंक का चक्कर लगाना पड़ता है, लेकिन बैंकों में बुजुर्गों के लिए अलग काउंटर की व्यवस्था नहीं है. भीड़ में भी उन्हें अन्य लोगों की तरह पंक्तिबद्ध होना पड़ता है. इससे अस्वस्थ लोगों को काफी परेशानी होती है. सरकारी अस्पतालों में भी इलाज के लिए बुजुर्गों के लिए विशेष प्रावधान नहीं है. समाज में भी बुजुर्ग उपेक्षित हैं. नयी पीढ़ी उनसे नहीं जुड़ पाते. हमलोग शारीरिक रूप से भले ही कमजोर हो गये हों, लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और समाज को बहुत कुछ देने की क्षमता रखते हैं. हमारी उपेक्षा नहीं की जाये

 

– एचएल गुप्ता, मुख्य प्रवक्ता, सीनियर सिटीजंस कौंसिल

इलाज कराने आए बुजुर्गों को दी जाए प्राथमिकता

सदर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में बुजुर्गों के लिए एक अलग वार्ड होना चाहिए, जहां डॉक्टर और नर्स चौबीस घंटे उपलब्ध रहे. बुजुर्गों के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर भी अलग होना चाहिए. ओपीडी में अगर कोई बुजुर्ग दिखाने आये तो उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए. नागरिक सुविधाओं में भी बुजुर्गों का ख्याल नहीं रखा जाता है. शहर में के मुख्य मार्गों में कहीं भी ऐसी जगह नहीं है, जहां बुजुर्ग थक जाए तो कुछ देर बैठ सके. यूरिनल भी कहीं नजर नहीं आता. इससे बुजुर्गों को बाहर निकलने में बड़ी परेशानी होती है. जिला प्रशासन और सरकार बुजुर्गों की सुविधा का ध्यान रखे. सभी सरकारी विभागों में उनकी बातों को सुना जाए और प्राथमिकता दी जाये

 

– चितरंजन सिन्हा कनक, अध्यक्ष, वरीय नागरिक सेवा संस्थान

 

 

बुजुर्गों के लिए केंद्र स्तर पर हो मंत्रालय का गठन

वरिष्ठ नागरिकों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. इनके लिए एक अलग से मंत्रालय बनाया जाए, जिसमें बुजुर्गों की समस्याओं और उसके समाधान सहित उनके हितों के लिए योजनाएं बनायी जाए. रेल यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायत सुविधा को फिर से चालू किया जाए. सामाजिक कल्याण अधिनियम 2007 में संशोधन की आवश्यकता है, जिससे बुजुर्गों को सुविधा मिल सके. बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार रुके, इसके लिए भी आयोग का गठन जरूरी है. बुजुर्गों के बैंको में जमा राशि पर ब्याज दरों में दो से चार प्रतिशत की बढोत्तरी की जाए. जिला व प्रखंड स्तर पर डे केयर सेंटर की स्थापना और उसकी देखभाल के लिए नोडल अफसर नियुक्त किया जाए

 

-विमल किशोर उप्पल, महासचिव, प्रगतिशील सीनियर सिटीजंस

सरकार दे जमीन, बने वृद्धाश्रम और डे केयर सेंटर

बुजुर्गों के लिए केंद्र सरकार फिर से रेलवे की यात्रा में रियायत दे. जिससे बुजुर्गों को कहीं आने-जाने में आर्थिक बोझ कम उठाना पड़े. सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में बुजुर्गों के इलाज के लिए अलग व्यवस्था हो. बुुजुर्गों को भीड़ से बचाकर उनका इलाज किया जाए. सभी सरकारी विभागों में बुजुर्गों के लिए अलग काउंटर बने. सरकार द्वारा वर्ष 2014 में शेरपुर में दिए 18 डिसमिल जमीन को सीनियर सिटीजंस को सौंपे. जिससे उस जमीन पर वृद्धाश्रम और डे केयर सेंटर बन सके. इसके लिए हमलोगों ने कई बार एसडीओ और डीएम को ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन अभी तक उस जमीन का एनओसी नहीं मिला है. जिला प्रशासन हम बुजुर्गों के हित के लिए इस पर ध्यान दे– त्रिलोकी प्रसाद वर्मा, महामंत्री, सीनियर सिटीजंस कौंसिल

Kunal Gupta
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