“समस्तीपुर-दरभंगा रेलवे ट्रैक दोहरीकरण का काम अटका:5 बड़े पुलों के निर्माण में हो रही देरी
समस्तीपुर- दरभंगा दोहरीकरण कार्य पांच बड़े पुलों के निर्माण में हो रही देरी के कारण फंसा है। इसी पूर्ण होन में अभी कम से कम दो और सालों का समय लग सकता है। लेकिन रेलवे ने इसके लिए मार्च 2025 का लक्ष्य रखा है। 40 किलोमीटर की इस रेल परियोजना के तहत अभी समस्तीपुर से रामभद्रपुर व दरभंगा से थलवारा तक 28 किलोमीटर ही रेलवे लाइन बिछायी जा सकी है। चौथे चरण में रामभद्रपुर- हायाघाट व हायाघाट- थलवारा 12 किलोमीटर में रेलवे लाइन बिछाया जाना बांकी है। इन्हीं स्टेशनों के बीच पुल नंबर 14, 15, 15 ए, 16 व 17 पर अभी काम चल रहा है। इन सभी पुलों के निर्माण के बाद ही लाइन बिछाया जा सकेगा।
एक नजर में दोहरीकरण
वर्ष 2015 में 519 करोड़ की लागत से दोहरीकरण का कार्य शुरु हुआ, जिसमें रेलवे ट्रैक एवं पुल के लिए 491 करोड़ एवं 28 करोड़ रुपए इलेक्ट्रिक वायरिंग के लिए आवंटित हुई थी। इस कार्य को 3 साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन 9 सालों में 28 किलोमीटर में ही रेलवे लाइन बिछाई जा सकी है। कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए इसदोहारीकरण कार्य को तीन चरणों में बांटा गया था। रेलवे के निर्माण विभाग की ओर से इस खंड पर पहले चरण में समस्तीपुर-किशनपुर 10.50 किलोमीटर एवं दूसरे चरण में दरभंगा-थलवाड़ा 9.50 किलोमीटर में दोहरीकरण का कार्य पूरा हुआ है। तीसरे चरण में किशनपुर-रामभद्रपुर के बीच कार्य पूरा हो चुका है। कार्य में विलंब को देखते हुए इस योजना को पुन: शेष बचे रेलखंड को दो चरणों में बांटा गया है। पहले चरण में रामभद्रपुर- हायाघाट व दूसरे चरण में हायाघाट- थलवारा के बीच कार्य को पूर्ण करना है।
बागमती और करेह नदी पर पुल निर्माण में देरी से फंसा पेंच
रामभद्रपुर-हायाघाट के बीच पुल नंबर 14, 15 व 15 ए का निर्माण किया जाना है। पुल नंबर 14 के वेल फाउंडेशन का कार्य चल रहा है। इसे अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है जबकि पुल 15 पर गाटर काम हो रहा है। इसी तरह हायाघाट- थलवारा के बीव बागमती व करेह नदी पर पुल नंबर 16 के फाउंडेशन का कार्य 40 फीसदी हो चुका है। अभी 60 फीसदी कार्य बचा हुआ है। इस कार्य को भी अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। पुल नंबर 17 का काम लगभग पुरा हो चुका है। रेलवे के निर्माण विभाग के अधिकारियों का दावा है सभी पुलों का निर्माण मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि पुलों के निर्माण में देरी हो सकता है। पुल बनने के बाद ही शेष बचे 12 किलोमीटर में रेलवे लाइन बिछाई जाएगी। जिसके बाद दोहरीलाइन पर परिचालन संभव है। हालांकि रेलवे के निर्माण विभाग के अभियंताओं का दावा है कि पुलों का निर्माण जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद दोपहरीलाइन पर ट्रेनें दौड़ने लगेगी। बन रहे नये रेलवे पुलों को डाउनलाइन बनाया जाएगा।
क्या बोले DRM
DRM विनय श्रीवास्तव ने कहा कि पहले इस योजना को तीन चरणों में बांटा गया था, लेकिन काम में हो रही देरी को देखते हुए पूरी योजना को पांच चरणों में बांटा गया। अभी रामभद्रपुर- थलवारा के बीच कार्य चल रहा है। कार्य में देरी के पीछे कोराेना मुख्य कारण रहा। दो सालों तक कार्य सही से नहीं हो पाया। अब युद्ध स्तर कार्य चल रहा है। कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य मार्च 2025 रखा गया है। रेलवे के निर्माण विभाग के अभियंता कार्य में लगे हुए हैं। समय सीमा के अंदर कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। सोर्स :दैनिक भास्कर।