साईं की रसोई ने 5 वर्ष में 2.5 लाख लोगों कराया भोजन,5 रुपय में बेगूसराय में कराते है भोजन
बेगूसराय.जरूरतमंदों को महज 5 रुपए में रात्रि भोजन उपलब्ध करवाने वाली साई की रसोई ने अपने अभियान का पांच वर्ष पूरा कर लिया। इस दौरान साई टीम के द्वारा अबतक करीब 2.5 लाख प्लेट भोजन उपलब्ध कराया है। इसको लेकर बुधवार की शाम रसोई द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें टीम से जुड़े सदस्यों के बीच पौधा वितरण कर उनकी इस मुहिम से जुड़ने की अपील की गई। पांचवें वर्षगांठ पर रसोई आये सांसद गिरिराज सिंह ने बताया बेगूसराय में टीम साईं की रसोई ने सेवाभाव के क्षेत्र में एक अलग लकीर खींचने का काम किया है।
वहीं महापौर पिंकी देवी ने बताया शुरुआती दिनों से ही रसोई में आती रही हूं यहां आकर जरूरतमंदों को भोजन परोस एक सुखद अनुभूति मिलती है। वहीं पूर्व महापौर संजय कुमार ने बताया बेगूसराय में चल रही रसोई एक प्रेरणा है उन सभी के लिए जो समाज के जरूरतमंद लोगों की मदद से कतराते हैं। इस अवसर पर रसाई द्वारा जरूरतमंदों को विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों परोस कर का पांचवां स्थापना दिवस मनाया।
पांच युवाओं ने की थी शुरूआत अब 30 की टीम मालूम हो किम 29 अगस्त 2019 को पांच युवा किशन गुप्ता, नितेश रंजन, अमित जायसवाल, पंकज कुमार एवं निखिल राज ने इस मुहिम की शुरूआत की थी। तब से बेगूसराय सदर अस्पताल के समीप स्वर्ण जयंती पुस्तकालय के गेट पर हर शाम सात से आठ बजे के बीच टीम के सदस्यों द्वारा यह मुहिम चलाई जा रही है। अब टीम पांच युवाओं से बढ़कर 30 युवाओं की हो चुकी है। जिसमें हर पेशे से जुड़े लोग शामिल हैं।
इतना ही नहीं रसोई टीम अब पुस्तक दान, जरूरतमंद परिवार के बेटियों की शादी में आगे आकर मदद का हाथ बढ़ा रही है।टीम के सदस्यों ने बताया कि यह जन सहयोग मुहिम को अनवरत चलाया जा रहा है। अब लोग भी अपने जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ एवं पुण्यतिथि सहित कई अन्य मौके पर लोग रसोई में सहयोग देते हैं।
रसोई के संस्थापक सदस्य नितेश रंजन, अमित जायसवाल , किशन गुप्ता, पंकज कुमार ने बताया कि मौजूदा समय में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्हें रोज एक समय का भोजन भी बहुत मुश्किल से नसीब होता है। साईं की रसोई ऐसी ही लोगों को उनकी भावनाओं को आत्मसात करने का एक माध्यम बना है। आगत अतिथि पूर्व एमएलसी रजनीश कुमार, िशक्षक नेता सुरेश राय व प्रेम कुमार ने बताया साई की रसोई का पांच साल का सफर दर्शाता है कि समर्पण और सेवा भाव से किए गए छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं।