“बिहार के बेला रेल व्हील प्लांट में में बन रहा रेल पहिया, अबतक बनाये गए दो लाख रेल पहिये
“बिहार के बेला रेल व्हील प्लांट में में बन रहा रेल पहिया:हाजीपुर.भारतीय रेल की पहियों की मांग को पूरा करने के लिए सारण जिले के दरियापुर में रेल व्हील प्लांट की स्थापना की गई है।यह 01 अगस्त 2014 से भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाई बन गया। अब यह संयंत्र अपनी सफलता के 10 वर्ष पूरा कर चुका है। इस संयंत्र की आधारशिला 29 जुलाई 2008 को रखी गई थी।भारतीय रेलवे के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि एक अत्यधिक चुनौतिपूर्ण कार्य को बिना किसी विदेशी सहायता के स्थापित किया गया।
यह रेलवे इंजीनियरों के आंतरिक क्षमता व विश्व प्रसिद्ध भारतीय कंपनी के विशेषज्ञता से संभव हो पाया।इस संयंत्र की क्षमता प्रतिवर्ष एक लाख तक पहियों के निर्माण की है। इस संयंत्र के निर्माण पर करीब 1640 करोड़ रुपये की लागत आई है। रेल व्हील प्लांट, बेला के निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2005-06 में प्रदान की गई थी। पहियों का निर्माण फरवरी, 2013 से प्रारंभ हो गया ।
इसका प्रारंभिक उत्पाद बॉक्स-एन व्हील था।अब यह संयंत्र क्षेत्रीय रेलवे, वर्कशॉप और कॉनकॉर के पहियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बीजी कोचिंग (आईसीएफ), ईएमयू और बीएलसी पहियों का उत्पादन भी कर रहा है। बीएलसी पहियों का उत्पादन 03 जुलाई .2023 से तथा ईएमयू व्हील का उत्पादन 14 नवंबर 2023 से प्रारंभ हुआ । पर्यावरण अनुकूल बनाते हुए प्लांट क्षेत्र के 33 प्रतिशत हिस्से में ग्रीन बेल्ट विकसित किया जा रहा है।
औद्योगिक पुनरुद्धार की दिशा में एक अहम कदम रेल व्हील प्लांट, बेला स्क्रैप सामग्रियों की सहायता से ढलवां इस्पात पहियों का विनिर्माण कर रहा है । सूचना प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग से गहन कारोबार प्रयोग के जरिए प्रबंधन, इस संयंत्र की अद्वितीय विशेषता है। विनिर्माण, गुणवत्ता-नियंत्रण, परिसंपत्ति प्रबंधन, एच.आर., वित्त, पे-रौल, इनवेंअरी प्रबंधन, कर्मचारी सेल्फ सर्विस, पोर्टल आधारित एक्सेस इत्यादि कार्यकलाप डाटा केंद्र के माध्यम से विभिन्न ई.आर.पी. मॉड्यूल्स द्वारा सुगम बनाए गए आई.टी. बैकबोन पर यह संयंत्र प्रत्यक्ष रूप से आधारित हैं ।