“10 महीने से लापता पुलिस कॉन्स्टेबल की बेटी:फोटो लेकर शहर-शहर ढूंढ रहे पिता, 5 लाख का रखा इनाम
पटना.29 सितंबर 2023 को अपनी कोचिंग से पढ़कर निकली छात्रा निशा भारती (17) अबतक लापता है। इस घटना के 10 महीने बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक लड़की का पता नहीं लगा पाई है। बिहार पुलिस में कॉन्स्टेबल लड़की के पिता को भी अपने डिपार्टमेंट पर भरोसा नहीं है। वह खुद दर-दर भटककर अपनी बेटी को ढूंढ रहे हैं।
वह हाथ में अपनी बेटी की फोटो लिए हर गली-मोहल्ले, यहां तक की दूसरे जिलों में जाकर निशा की खोज में जुटे हैं। उन्होंने अपनी बेटी का पता बताने पर 5 लाख रूपए का इनाम भी रखा है।
पढ़िए बिहार पुलिस के एक कॉन्स्टेबल की बेटी की मिसिंग मिस्ट्री…
आखिरी बार गोला रोड मोड़ पर दिखी निशा
पटना के रुपसपुर थाने के बुद्ध विहार कॉलोनी, धनौत की निवासी और 12वीं की छात्रा निशा 10 महीने से लापता है। लड़की के पिता राकेश कुमार रंजन ने बताया कि 29 सितंबर 2023 की दोपहर 3 बजे निशा रोज की तरह 50 रुपए लेकर अपने गोल कोचिंग जाने के लिए घर से निकलती थी। कोचिंग पहुंचने के बाद वह अपनी क्लास करके शाम 8:15 में कोचिंग से निकली। गोला रोड मोड़ तक वह पैदल आई। कैमरे में भी निशा यहीं आखिरी बार दिख रही है और उसके बाद से वह लापता है।
मां करती रही इंतजार पर नहीं लौटी निशा
पिता ने आगे बताया कि शाम को कोचिंग से वापस आते समय उनकी पत्नी घर के पास एक मंदिर के बगल में जाकर खड़ी रहती थी और निशा को वहीं से रिसीव कर घर लेकर आती थी। रोज की तरह उस दिन भी उनकी पत्नी वहां जाकर खड़ी हो गई पर काफी समय होने के बाद भी जब निशा नहीं पहुंची तो उनकी पत्नी ने उन्हें फोन किया।
राकेश ने अपनी पत्नी को जगदेव पथ जाकर देखने को कहा, लेकिन वहां पर भी वह नहीं मिली। रात के 10 बज चुके थे और निशा का कोई पता नहीं चल रहा था। उसके बाद उन्होंने अपनी पत्नी को थाने पर जाकर FIR दर्ज करने को कहा। राकेश ने फोन पर थानाध्यक्ष से बात भी की और वह खुद आरा से पटना ड्यूटी से वापस आकर अपनी बेटी को ढूंढने में लग गए।
तीन दिन तक ऑन था निशा का फोन
राकेश ने बताया कि निशा के पास एक कीपैड वाला फोन भी था। उस पर फोन करने पर रिंग जा रही थी पर कोई उठा नहीं रहा था। बाद में लोकेशन ट्रेस की गई। लोकेशन थोड़ी-थोड़ी देर में तारामंडल, इको पार्क, स्टेशन, बोरिंग रोड दिखा रही थी। वहां जाने पर भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। तीन दिनों तक मोबाइल ऑन था और उसकी लोकेशन दिख रही थी और उसके बाद फोन स्विच ऑफ आने लगा।
3 महीने बाद बिहारशरीफ में मिली निशा की मोबाइल लोकेशन
निशा के पिता ने बताया कि करीब 3 महीने बाद उनकी बेटी का फोन एक लेबर के पास मिला। इस घटना के तीन-चार दिन बाद ऑटो वाला सीट कवर चेंज करवाने के लिए गैरेज में जाता है। वहां काम कर रहे एक लेबर को निशा का मोबाइल मिलता है और वह अपने पास रख लेता है। कुछ दिन बाद वह यह फोन लेकर बिहारशरीफ जाता है और वहां पर फोन में सिम डालकर ऑन करता है। उसके बाद पुलिस इस लोकेशन के आधार पर उसे ट्रेस करती है।
राकेश ने कहा कि जब भी मैं पुलिस के पास अपनी बेटी के बारे में जानकारी लेने के लिए जाता हूं, तो मुझे बस यही कहा जाता है कि अभी जांच चल रही है। 10 महीने बीत गए हैं, लेकिन अभी पुलिस की ओर से कोई भी मदद नहीं मिली है। पटना जैसे शहर से एक लड़की गायब हो जाती है तो यह सोचने वाली बात है कि पुलिस आखिर क्या कर रही है। मुझे पुलिस से कोई आशा नहीं रही इसलिए मैं खुद ही अपनी बेटी को ढूंढ रहा हूं।
डॉक्टर बनना चाहती थी निशा
निशा के पिता बिहार पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं। उनकी पोस्टिंग आरा जिले में है। वह मूलतः अरवल जिले के हैं। पिता का कहना है कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है। इसके अलावा छात्रा ने भी घर वालों को कभी किसी तरह की परेशानी की बात नहीं बताई थी। वह काफी शांत स्वभाव की थी और उसके किसी के साथ कोई खास दोस्ती भी नहीं थी। वह अपनी पढ़ाई पूरी करके डॉक्टर बनना चाहती थी।
मां के मन में हर समय रहता बेचैनी और घबराहट
निशा की मां रेखा देवी ने बताया कि उस दिन मैं रोज की तरह अपनी बेटी के इंतजार में मंदिर के पास खड़ी थी। जब वह समय पर नहीं पहुंची तो मेरा मन काफी घबराने लगा। मैंने अपने पति को फोन किया तो उन्होंने मुझे थाने पर जाने को कहा। आज 10 महीने बीत गए पर फिर भी मेरी बेटी का कुछ नहीं पता चला है। मेरे मन में डर, बेचैनी और घबराहट हर समय रहती है। मैं आज भी अपने घर के चौखट पर खड़ी होकर बेटी का इंतजार कर रही हूं।
गोला रोड से स्टेशन गई थी छात्रा
रूपसपुर थाना के थानाध्यक्ष रणविजय कुमार ने कहा कि इस केस में लड़की का मोबाइल और ऑटो वाला मिला है। ऑटो वाले के अनुसार लड़की गोला रोड से ऑटो रिजर्व करके स्टेशन के लिए बैठी थी। बीच में वह V2 मॉल उतर कर शॉपिंग भी की। उस दिन का लड़की और ऑटो ड्राइवर की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकाला गया। दोनों की लोकेशन साथ-साथ गोला रोड से स्टेशन की दिखा रही थी। अभी तक इस केस में ना लव एंगल मिला है और ना ही किडनैपिंग का एंगल। लड़की का दो साल का CDR भी निकाला गया है, लेकिन ऐसा कोई भी सस्पेक्ट नंबर नहीं मिला है, जिससे यह कहा जा सके कि लड़की उससे बात करती थी।
एएसपी दीक्षा ने कहा- केस में जांच जारी है
लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में रीट भी दायर की है, जिसके बाद इस केस को ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को सौंप दिया गया है। उसके बाद बाद SIT का भी गठन हुआ। अभी इस केस को SIT अध्यक्ष दानापुर एएसपी दीक्षा देख रही हैं। उन्होंने कहा कि इस केस का अनुसंधान जारी है। हर पहलू पर जांच की जा रही है। लगातार सभी से संपर्क किया जा रहा है। पूरे एफर्ट के साथ लड़की को ढूंढा जा रहा है।
काफी चुपचाप रहती थी निशा
गोल कोचिंग की ओर से कहा गया कि निशा काफी चुपचाप रहती थी। उसकी किसी के साथ कोई खास दोस्ती नहीं थी और ना ही वह ग्रुपिंग में बैठती थी। वह पढ़ने-लिखने में भी एवरेज थी। कोचिंग में उसकी किसी के भी साथ लड़ाई नहीं होती थी। उस दिन भी वह रोज की तरह कोचिंग पढ़ने आई और छुट्टी के समय निकल गई।