“नागपंचमी पर विषहरी मंदिरों में भक्तों ने चढ़ाया दूध-लावा, पूजा करने उमड़ी भीड़
कहलगांव.नागपंचमी के मौके पर शुक्रवार को ग्रामीण इलाकों के विषहरी मंदिरों में भक्तों ने मां विषहरी को दुध-लावा चढ़ाया। साथ ही मां की पूजा-अर्चन कर सुख, शांति और समृदि़्ध की कामना की।
नगरह के प्रसिद्ध विषहरी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की गई। पंडित शिवशंकर ठाकुर, सुशील ठाकुर, शुवंश ठाकुर, यदुवंश ठाकुर, चंद्रकिशोर ठाकुर ने पूजा कराई। शिवशंकर ठाकुर ने बताया कि मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। जिन लोगों के कुंडली में सर्प दोष है, उन्हें इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। वहीं बिहपुर के सोनवर्षा, मिल्की, अमरपुर में माता विषहरी की पूजा के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।
सोनवर्षा के विषहरी मंदिर में सबसे अधिक भीड़ रही। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संजय कुंवर एवं उपाध्यक्ष चन्द्रकांत चौधरी ने बताया कि भक्तों ने माता को 31 चांदी के कलश चढ़ाए। वहीं 61 मुंडन संस्कार हुआ। मुख्य पुजारी राधाकांत झा तथा सहायक पुजारी राजेश चौधरी ने पूजन कराया। इसके अलावा नाराणपुर विषहरी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की गई।
पीरपैंती और कहलगांव में भी लोगों ने नागदेवता की पूजा-अर्चना की कहलगांव/पीरपैंती| भगवती मंदिर में नागपंचमी पर पूजा हुई। महिलाओं ने मंदिरों में कच्ची मिट्टी के पात्र में दूध और लावा चढ़ाया। वहीं घर के दहलीज के दोनों तरफ गोबर से पांच सिर वाले नाग की आकृति बना पूजा की गई। ओगरी के भगवती मंदिर में में पूजा के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। इस मंदिर में है । मनसा पूजा की जाती है। इधर, पीरपैंती में माता विषहरी मंदिर सहित विभिन्न देवालयों में पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भीड़ जुटी थी। विषहरी स्थानों तथा घरों में नाग देवता की पूजा की गई। तड़ंवा महाशामनी मंदिर में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ जुटी थी।