सदर अस्पताल समस्तीपुर के इमरजेंसी वार्ड में 7 महीने में 57 मरीजों की मौत, 83 रेफर
समस्तीपुर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जनवरी से जुलाई 2024 के बीच गंभीर मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। इन सात महीनों के दौरान 21 हजार 957 मरीजों को भर्ती किया गया जिनमें से 83 मरीजों की हालत अत्यधिक गंभीर होने के कारण उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया। वहीं इलाज के दौरान 57 मरीजों की मौत सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की चिंता जनक स्थिति की ओर इशारा कर रही है।
जनवरी से जून के बीच हुई हर महीने सात मरीजों की मौत का औसत रहा। वहीं जुलाई महीने में यह बढ़कर 14 मरीजों तक पहुंच गया। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला है और यह सदर अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था की पोल भी खोल रहा है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या और गंभीरता दोनों ही लगातार बढ़ रही है। मरीजों की बड़ी संख्या और रेफर करने की उच्च दर अस्पताल की क्षमता और संसाधनों की कमी को दर्शाता है।
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पिछले महीने औसत से दोगुने मरीजों की मौत हुई है। वहीं इसी दौरान इमरजेंसी वार्ड में पदास्थापित एक कर्मी बगैर सूचना के पिछले कई दिनों से गायब है और पिछले दिनों पोस्टमार्टम कक्ष की बदहाल स्थिति का खुलासा होने के बाद सदर अस्पताल के प्रबंधन पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस रिपोर्ट ने न केवल सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं की मौजूदा स्थिति को उजागर किया है, बल्कि इसमें सुधार की आवश्यकता को लेकर चुनौती भी पेश किया है। इससे निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन को इस ओर गंभीरता से विचार करने और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए त्वरित कदम उठाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं से बचा जा सके।
सीएस डॉ एसके चौधरी पूछा गया कि जुलाई महीने में सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान 14 मरीजों की मौत हुई है। जबकि इस साल जून महीने तक सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की मौत का औसत 7 रहा है। इसके अलावा सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष की बदहाल स्थिति, अभी तक सदर अस्पताल में डेंगू वार्ड का नहीं बनना, इमरजेंसी वार्ड के कर्मी का बिना बताए कई दिनों से गायब रहने पर उन्होंने कुछ बताने से इनकार किया है।