ई रिक्शा की ड्राइविंग सीट से केबीसी की हॉट सीट तक पहुंचे पारसमणि, जाने कहानी
मुजफ्फरपुर.शहर के मालीघाट के रहने वाले पारसमणि ई-रिक्शा की ड्राइविंग सीट से ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की हॉट सीट तक पहुंच गए। इंडिया चैलेंजर्स वीक में जुलाई के फास्टेस्ट-5 के विजेता बने, जिसके बाद उन्हें बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ गेम में हिस्सा लेने का मौका मिला। पारसमणि ने बताया कि गेम में हर महीने के अंतिम सप्ताह में इंडिया चैलेंजर्स वीक होता है। इसमें देशभर से 10 प्रतिभागी शामिल थे।
अंतिम चरण में फास्टेस्ट-5 हुआ, जिसमें लगातार 5 सवालों का सबसे पहले जवाब देने वाले को िवनर घोषित किया जाता है। इसमें वह िवनर बनकर हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के साथ बैठे। पारसमणि ने बताया कि उनका सपना था ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में हिस्सा लेने का। लेकिन, जब शहंशाह के सामने कुर्सी पर बैठे तो कंफ्यूज हो गए। हालांकि, अमिताभ बच्चन ने अपने चुटीले अंदाज से माहौल को हल्का किया, तब वह बोल्डली खेल सके। कई राउंड के खेल के बाद महात्मा गांधी से जुड़े सवाल में उलझकर उन्होंने खुद को खेल से अलग कर लिया। इसमें बिग बी ने सवाल पूछा था कि किस लेखक ने महात्मा गांधी पर किताब लिखी, जो कभी महात्मा गांधी से मिला नहीं था। इसकी शूटिंग हो गई है आैर इसी महीने टीवी पर प्रसारण होने वाला है। पारसमणि के परिवार में प|ी अंशु देवी के साथ ही बेटी कशिश पारस, गुनगुन पारस व मिस्टी पारस है।
संघर्ष… आर्थिक तंगी के बाद ई-रिक्शा चलाना शुरू किया
पारसमणि ने 1996 में एलएस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। कुछ दिन नौकरी की तलाश की, फिर शहर के शुक्ला मार्केट में मोबाइल की दुकान खोल ली। दुकान अच्छी-खासी चल रही थी। इस बीच 2019 में कोरोना के कारण दुकान बंद हो गई। दो-ढाई साल बाद स्थिति सामान्य हुई तो सारी जमा-पूंजी दुकान का किराया चुकाने में खत्म हो गई। इसके बाद परिवार का खर्च चलाने के लिए ई-रिक्शा चलाना शुरू किया।
संदेश… मोबाइल पर रील के बजाय हमेशा जीके व जीएस के कार्यक्रम देखते हैं
युवाओं को संदेश देते हुए पारसमणि कहते हैं कि उन्हें जीके पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। वह खुद कभी मोबाइल पर गाना या रील नहीं देखते। जीके-जीएस से शुरू से ही लगाव रहा है। ई-रिक्शा चलाते समय भी मोबाइल पर इसी तरह के कार्यक्रम लगाकर देखते रहते हैं। घर पर भी जब फुर्सत में रहते हैं तो नई-नई जानकारियां हासिल करने का प्रयास करते हैं। केबीसी की हॉट सीट तक पहुंचने में यह काफी सहायक हुआ।