बिहार के जमुई में जख्मी हालत में मिला दुर्लभ ‘जटायु’ पक्षी, वन विभाग ने किया रेस्क्यू
पटना :बिहार के जमुई में खूंखार बोनेली ईगल पक्षीमिला. इसके मिलने की सूचना पर भारी संख्या में लोग मौके पर पहुंच गये. इसके बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग की टीम को बोनेली का ईगल मिलने की जानकारी दी. सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बोनेली का चील को अपने साथ ले गयी. यह बोनेली का ईगल लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत आनंदपुर पंचायत के दुबरातरी गांव के पास मिला है.जमुई में मिला हिंसक विदेशी चील: जानकारी के मुताबिक, दुबरातरी गांव निवासी मनोज कुमार के सागवान और मोहगनी फार्म के पास के पास कहीं से उड़कर एक चील आया. वह उड़ने का प्रयास कर रहा था. तभी वहां मौजूद लोगों की नजर उस पर पड़ी. इसके बाद लोगों ने चील को पकड़ लिया और इसकी सूचना फोरेस्टर को दी. मौके पर पहुंचे फोरेस्टर उसे रेस्क्यू कर अपने साथ ले गए. 48 घंटे तक उसे निगरानी में रखा जायेगा.
जमुई में मिला खूंखार चील दुर्लभ प्रजाति का बोनेली चील:
चील को रेस्क्यू करने पहुंचे नागी नकटी में कार्यरत वन विभाग के फोरेस्टर अनीश कुमार ने बताया कि लोगों के द्वारा सूचना मिली कि एक चील मिला है. यहां पहुंच कर देखा तो पाया कि यह एक दुर्लभ प्रजाति का बोनेली चील है. जिसे रेस्क्यू कर लिया गया है. यह काफी हिंसक शिकारी पक्षी है. यह ऊंचे पहाड़ पर ही रहता है. वहीं देख सकता है. देखने से प्रतीत होता है कि इसकी उम्र लगभग 1 साल है.”यह काफी हिंसक शिकारी पक्षी है. यह ऊंचे पहाड़ पर ही रहता है. इसे देखने से प्रतीत होता है कि इसकी उम्र लगभग 1 साल है.उसे रेस्क्यू कर अपने साथ ले गए. 48 घंटे तक उसे निगरानी में रखा जायेगा.”- अनीश कुमार, फोरेस्टर
ऊंचे स्थान से करता है शिकार:
बोनेली ईगल शिकारी पक्षी है. इसकी चोंच हुकनुमा और नुकीले घुमावदार होते हैं. पंजे जिन्हें टैलन कहा जाता है. बोनेली अक्सर अपने घरेलू क्षेत्र में ऊंची उड़ान भरकर चक्कर लगाती है. अधिकांश शिकारी पक्षियों की तरह यह मुख्य रूप से अकेले या प्रजनन जोड़े में रहता है.अक्सर शिकार की गतिविधि को देखने के लिए या तो एक छिपे हुए पेड़ के बसेरे का उपयोग करता है या अनियमित चट्टानी इलाके में एक ऊंचे स्थान पर होता है.”