राजगीर और पूर्णिया में बनेगा Forensic Lab,दो माह के अंदर शुरू होगा काम
Forensic Lab: पटना. नये कानूनों के लागू होने के बाद फॉरेंसिक के बढ़े महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने राजगीर और पूर्णिया में क्षेत्रीय विधि-विज्ञान प्रयोगशाला शुरू करने का निर्णय लिया है. प्रयोगशाला के उपकरणों की खरीद को लेकर गृह विभाग ने करीब 13.5 करोड़ रुपये स्वीकृत दे दी है. राजगीर के क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए 2.90 करोड़ रुपये, जबकि पूर्णिया के क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के लिए 10.49 करोड़ रुपये से उपकरणों की खरीद की जायेगी. अगले एक से दो माह में लैब जांच शुरू होने की संभावना है.
पुलिस जांच को मिलेगी गति
एफएसएल के लिए तुलनात्मक माइक्रोस्कोप, बुलेट पुलर, हाट एयर अवर, डिजिटल वेइंग बैलेंस, रेफि्रजेरेटर, यूवी लैंप, इंक्यूबेटर, लेबोरेटरी वर्किंग टेबल, फायरिंग बाक्स, पीएच मीटर आदि की खरीद की जायेगी. दरअसल, एक जुलाई से नये आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद एफएसएल पुलिस जांच का अहम अंग हो गया है. सात साल से अधिक सजा वाले अपराध में एफएसएल जांच अनिवार्य कर दी गई है. पहले यह अनिवार्यता नहीं थी. ऐसे में एफएसएल जांच के लिए प्रदर्शों के सैंपल की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है.
बिहार में अभी तीन लैब कार्यरत
राज्य में अभी पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर के स्थायी विधि-विज्ञान प्रयोगशालाओं में जांच हो रही है. इसके अलावा गया, पूर्णिया आदि जिले में मोबाइल फोरेंसिक लैब है. साक्ष्यों की वैज्ञानिक जांच के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े, इसके लिए सभी जिलों में विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) जांच की सुविधा शुरू करने का लक्ष्य है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार, पहले चरण में नौ पुलिस रेंज में स्थायी विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है. शेष 28 जिलों में चलंत विधि-विज्ञान इकाई की सुविधा शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है.