गंगा की धार में बहने लगे इंजीनियर,कटिहार में इंस्पेक्शन के लिए गए थे, NDRF ने बचाया
पटना.भागलपुर में जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर इंस्पेक्शन के दौरान गंगा की तेज धार में बह गए। वे पूरी टीम के साथ थे। गंगा में गिरते ही वो घबरा गए। गनीमत ये रही कि उन्होंने लाइव जैकेट पहन रखा था। इंस्पेक्शन के दौरान उनके साथ NDRF की टीम भी थी। तुरंत नदी में रस्सी फेंकी गई और उसके सहारे चीफ इंजीनियर को वापस बोट पर लाया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है।
गंगा से सुरक्षित बाहर निकालने के बाद इंजीनियर ने कहा कि ‘मुझे तो लगा कि अब मर ही गए। जिंदगी खत्म हो गई, लेकिन भगवान ने बचा लिया।’चीफ इंजीनियर शनिवार को टूटे तटबंध का इंस्पेक्शन करने गए थे, तभी वे नाव से सीधे गंगा में गिर गए। हादसा नौगछिया के इस्माइलपुर बिंदटोली में हुआ।
बैलेंस बिगड़ा और गंगा में गिर गए
फ्लड फाइटिंग डिवीजन कटिहार के चीफ इंजीनियर अनवर जमील इलाके में लगातार कैंप कर रहे हैं। इस बीच उन्हें शनिवार को सूचना मिली की गोपालपुर बिंद टोली बांध के स्पर संख्या 9 में कटाव हुआ है। इसको देखने के लिए चीफ इंजीनियर मौके पर जा रहे थे। तभी स्पर संख्या 9 के पास पहुंचते ही NDRF की नाव की गति तेज हो जाने के कारण मुख्य अभियंता का संतुलन बिगड़ा गया। वे गंगा में गिर गए।
लाइव जैकेट और NDRF की टीम के चलते बचे
इस घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद वहां मौजूद NDRF की टीम ने तुरंत एक्शन में आते हुए उनका रेस्क्यू किया। हालांकि, मुख्य अभियंता लाइव जैकेट पहने हुए थे, इस कारण वे डूबे नहीं और उनको पानी से बाहर निकालने में आसानी हुई। इसके बाद अभियंता की जान में जान आई।जैसे ही चीफ इंजीनियर डूबे बोट में मौजूद NDRF की टीम ने उनसे कहा कि ‘कोई बात नहीं सर, आराम से।’ इसके बाद पहले 1-2 राउंड बोट से उनकी तरफ लगाया गया। फिर रस्सी अनवर जमील की तरफ NDRF की टीम ने फेंक उनको बोट पर बिठाया। करीब 2 मिनट के अंदर उनका रेस्क्यू कर लिया गया।
चीफ इंजीनियर ने बताया कि ‘एक वक्त के लिए लगा की जिंदगी और मौत के बीच का फासला करीब है। अब नहीं बच पाऊंगा। भगवान ने मुझे बचा लिया।’