शिक्षा विभाग ने डीएम को दिया बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूल बंद करने का अधिकार
पटना में गंगा नदी में शिक्षक के डूबने की घटना के बाद सरकार ऐक्शन में आ गई है। शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर सभी जिलों के डीएम को बाढ़ के दौरान स्कूल बंद करने का अधिकार दे दिया है। इससे पहले विभाग की ओर से जिलाधिकारियों को दियारा इलाके में स्थित स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को सरकारी नाव और लाइफ जैकेट की सुविधा देने का निर्देश दिया था।
बता दें कि शुक्रवार सुबह दानापुर में गंगा घाट पर स्कूल जाने के दौरान बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित शिक्षक अविनाश कुमार गंगा नदी में बह गए थे। इस घटना के विरोध में शिक्षा विभाग और प्रशासन के खिलाफ साथी शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया था।
बिहार शिक्षा विभाग द्वारा शनिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार बाढ़ आने की स्थिति में अब जिलाधिकारी (डीएम) स्कूल बंद करने का आदेश जारी कर सकते हैं। दरअसल, मॉनसून के दौरान गंगा समेत बिहार की कई नदियों में उफान आने से दियारा इलाके में स्थित स्कूलों तक पहुंचना शिक्षकों एवं बच्चों के लिए किसी खतरनाक मिशन से कम नहीं होता है। शुक्रवार को हुई शिक्षक अविनाश कुमार की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने मांग की थी कि बाढ़ की स्थिति में स्कूलों को बंद किया जाए, ताकि स्टाफ की जान बच सके।
इससे पहले शुक्रवार रात को निर्देश जारी कर सभी जिलाधिकारियों से कहा कि जिन घाटों से शिक्षक, बच्चे और अन्य स्टाफ नदी पार करके स्कूल जाते हैं, वहां पर सरकारी नाव की व्यवस्था कराई जाए। नाव पर पर्याप्त संख्या में लाइफ जैकेट भी उपलब्ध हों।
बता दें कि राज्य के बाढ़ग्रस्त और दियारा क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में कार्यरत शिक्षक विद्यालय आने-जाने के लिए नाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। नदियों में तेज उफान के वक्त नाव के पलटने और हादसे का खतरा बना रहता है। स्थानीय स्तर पर चलने वाली नावों में सुरक्षा के पर्याप्त संसाधन नहीं होते हैं, हादसा होने की स्थिति में जान जाने का खतरा बना रहता है। सरकारी नावों की व्यवस्था होने से इस समस्या का कुछ हद तक समाधान हो सकेगा।