साइबर ठग ने स्टाक मार्केट में ट्रेडिंग ग्रुप बना बरौनी रिफाइनरी की जीएम से ठग लिए 1 करोड़
बेगूसराय.बरौनी रिफाइनरी के मुख्य प्रबंधक(टी) श्याम बिहारी प्रसाद साइबर ठगों के झांसे में आकर साइबर ठगी के शिकार हो गए। साइबर ठग ने स्टाक मार्केट में ट्रेडिंग के नाम पर उनसे एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि ठग ली। इस सम्बन्ध में पीड़ित श्याम बिहारी प्रसाद ने साइबर थाना में 26 अगस्त को एफआईआर दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने एक व्हाट्स एप्प ग्रुप बार क्लेज स्टॉक पुल ग्रुप की एडमिन टीना मित्तल, उनकी पर्सनल सलाहकार वंसत माहेश्वरी, ग्रुप में सक्रिय किरण, नवनीत पराशर, जितेंद्र मेहतों, अनीता मेहता, रजत चोपड़ा, लता गर्ग को नामजद अभियुक्त बनाया है। साइबर ठगों ने स्टाक मार्केट में निवेश के नाम पर झांसा देकर एक करोड़ 29 हजार 382 रुपए की ठगी कर ली। साइबर ठग ने अलग-अलग 12 खाता में 28 बार में एक करोड़ 29 हजार 382 रुपए का ट्रांसफर करवाया है।
इसी साल 20 जून को पीड़ित श्याम बिहार प्रसाद के मोबाइल पर साइबर ठग ने पहले उन्हें एक व्हाट्स एप्प ग्रुप में जोड़ा। जिसमें स्टाक मार्केटिंग में ट्रेडिंग किया जाता था। इस ग्रुप की एडमिन टीना मित्तल थी। टीना मित्तल की एक पर्सनल सलाहकार बसंत माहेश्वरी था। जो मुख्य स्टाक सलाहकार के तौर पर स्टाक खरीदने और बेचने की सलाह देता था। 24 जून को टीना मित्तल ने पीड़ित के मोबाइल पर एक एप्लीकेशन फार्म भेजा। जिसको भरने के बाद अनुमोदित किया गया। 24 जून को पीड़ित के मोबाइल पर लिंक भेज कर व्हाट्स ग्रुप के नाम से एक एप्प मोबाइल में इंस्टाल करवाया गया। 13 जुलाई को पीड़ित ने मोबाइल एप्प के द्वारा एनईएफटी से साइबर ठग के खाता में 5 हजार रुपए भेजा। इसके बाद साइबर ठग ने स्टाक में ट्रेडिंग करवाया और आईपीओ में पैसा लगाने की सलाह दी। जिसके बाद पीड़ित ने साइबर ठग के बताए हुए खाता पर कई बार में कुल 98 लाख रुपए भेज दिया। इसके बाद साइबर ठग ने बताया कि अब नया आईपीओ में दोबारा अप्लाई करने के लिए 1 करोड़ 40 लाख की जरूरत है। इस अप्लाई के लिए ठग के व्हाट्स ग्रुप ने 25 लाख 80 हजार रुपए एप्प से राशि जमा कर सपोर्ट किया। इसके बाद पीड़ित ने पर्सनल लोन और उधार लेकर फिर रूपया भेजा। जब पीड़ित के कथित आईपीओ स्टाक का मार्केट वेल्यू 2 करोड़ 73 लाख पर पहुंचा।
सपोर्ट राशि भेजने के बाद 15 अगस्त से साइबर ठगों के ग्रुप और मोबाइल एप्प पर कोई रिस्पांस देना बंद कर दिया। तब उन्हें साइबर ठगी का होने का पता चला।
साइबर डीएसपी ने नहीं उठाया कॉल साइबर ठगी की जानकारी के लिए जब दैनिक भास्कर के संवाददाता ने साइबर डीएसपी के सरकारी मोबाइल नम्बर पर कई बार कॉल किया। लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा। एसपी मनीष कुमार ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। ठगी के कुछ रकम को होल्ड करवाया गया है।