Wednesday, September 25, 2024
Patna

टेक्सटाइल सेक्टर के लिए वरदान बन सकता है:बांग्लादेश की कई गारमेंट कंपनियां आ सकती हैं बिहार, इन शहरों में तलाश रहीं संभावना

Investment in Bihar : पटना. बांग्लादेश का राजनीतिक संकट बिहार के टेक्सटाइल सेक्टर के लिए वरदान बन सकता है. इसकी आहट आनी शुरू हो गयी है. बांग्लादेश के टेक्सटाइल सेक्टर के कुछ बड़े खिलाड़ी बिहार में अपने लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं. यह देखते हुए कि गारमेंट क्षेत्र के कुशल श्रमिकों की एक बड़ी संख्या बिहार में पहले से मौजूद है. सूत्र बता रहे हैं कि अगर बांग्लादेश का संकट लंबा खींचा, तो बिहार की संभावनाएं हकीकत में बदल सकती हैं.

 

 

बिहार की ओर देख रहे हैं निवेशक

टेक्सटाइल क्षेत्र के आधिकारिक जानकारों के अनुसार बांग्लादेश के गारमेंट उत्पादक, जिनका भारत से सीधा संवाद है, वह इस संकट के दौर में वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. वह गारमेंट की अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं. अगर बांग्लादेश के हालात खराब रहे, तो वह सस्ते श्रम की चाह में बिहार में यूनिट लगा सकते हैं या यहां की यूनिट को काम दे सकते हैं. इसके लिए निवेशक मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और कटिहार जैसे शहरों में संभावनाएं तलाश रहे हैं.

 

बिहार भारत का उभरता नया टेक्सटाइल हब

बेशक देश में टेक्सटाइल के बड़े हब के रूप में तिरुपुर ,नोएडा, इंदौर और कोलकाता पहले से स्थापित हैं, लेकिन बिहार ने अपने सस्ते कुशल श्रमिकों की दम पर इस क्षेत्र में दखल दे दिया है. बड़े ब्रांड यहां काम शुरू कर चुके हैं. कुछ कंपनियां आने वाली हैं. विभागीय जानकारों के अनुसार राज्य में 30 औद्योगिक यूनिट वस्त्र उत्पादन में लगी हैं. इसमें 400 करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है. इसके अलावा करीब दर्जनभर और यूनिट ऐसी हैं, जो एसआइपीबी में रजिस्टर्ड नहीं हैं.

 

बिहार में अब तक निवेश के 88 प्रस्ताव

वर्ष 2022 की टेक्सटाइल पॉलिसी के आने के बाद बिहार में 88 निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं, जो पहले क्लियरेंस ले चुके हैं. दूसरे चरण की स्टेज पूरी कर चुके . इनमें 482 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है. वर्ष 2016 की औद्योगिक पॉलिसी 42 यूनिटों ने बिहार में निवेश के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. साफ है कि बिहार में टेक्सटाइल क्षेत्र में लंबी छलांग मारने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार हैं.

Pragati
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