KBC में बीमार ई-रिक्शा ड्राइवर ने जीते 12.5 लाख:अमिताभ कराएंगे ब्रेन ट्यूमर का इलाज,महात्मा गाँधी के सवाल में फंसे
मुजफ्फरपुर के ई-रिक्शा ड्राइवर पारसमणि एक ही रात में लखपति बन गए। पारसमणि केबीसी के सेट पर अमिताभ बच्चन के 12 सवालों का जवाब देकर 12 लाख 50 हजार जीत लिए। इस शो का टेलिकास्ट मंगलवार की रात हुआ। पारसमणि ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं। अब अमिताभ बच्चन ने इलाज कराने का वादा किया है।पारसमणि से 25 लाख के लिए 13 वां सवाल पूछा गया था। इसका आंसर पता नहीं था। इसके बाद वे खेल से अलग हो गए। 25 लाख के सवाल में बिग बी ने उनसे पूछा था कि किस लेखक ने महात्मा गांधी पर किताब लिखी, जो कभी उनसे मिले नहीं थे।
पारसमणि मुंबई से मुजफ्फरपुर लौट आए हैं। दैनिक भास्कर संवाददाता ने पारसमणि से बात की। उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा की ड्राइविंग सीट से ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की हॉट सीट तक कैसे पहुंचे। इसकी शुरुआत कहां से हुई थी।
30 साल में नहीं बन पाया घर
पारसमणि ने बताया कि वो सहरसा जिले के रहने वाले हैं। लेकिन, मुजफ्फरपुर में रहते हैं। ई रिक्शा चला कर परिवार चलाते हैं। पिछले 30 साल से घर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, आर्थिक तंगी की वजह से बन नहीं पा रहा है।घर में उनकी पत्नी और तीन बेटियां हैं। पिछले 3 साल से ई-रिक्शा चला रहे हैं। इससे उन्हें हर दिन 400 से 500 की कमाई होती है। इससे पहले मुजफ्फरपुर के मोतीझील में सीम और मोबाइल फोन रिचार्ज का काम करते थे।
मोहल्ले में लोग केबीसी बाबू कहने लगे थे
पारसमणि की पढ़ाई की शुरुआत सहरसा जिले के सरकारी स्कूल से हुई थी। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचे थे। यहां के लंगट सिंह कॉलेज से ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की। 24 जून 2004 में शादी हुई थी। शादी के कुछ महीने से ही वो कौन बनेगा करोड़पति देखा करते थे। अप्लाई भी करते थे। जुनून ऐसा था कि मोहल्ले के लोग केबीसी बाबू भी कहने लगे। वे हर जगह इसी की चर्चा करते थे। 10 साल तक लगे रहने के बाद पारसमणि केबीसी के हॉट सीट पर बैठने में सफल रहे।
पारसमणि ने बताया कि अमिताभ बच्चन ने मेरे जीवन से जुड़े
पारसमणि ने यह भी कहा कि कभी सोचा नहीं था कि केबीसी में चला जाऊंगा। लेकिन, हार भी नहीं मानी। शादी के बाद पत्नी अंशु ने भी कई बार कहा कि सारा काम छोड़ फालतू में केबीसी देखते रहते हैं। फिर बाद में वो मेरे सपने को समझ गई और मेरे इस सफर में काफी सहयोग भी किया।वहीं, पत्नी अंशु कुमारी ने बताया कि मेरे पति का सपना था केबीसी में जाना। 10 साल से वे लगे हुए थे। कई बार मैं गुस्सा भी हो जाती थी। लेकिन, फिर लगता था कि उनका यही सपना है। इसमें मैं उनकी मदद करूंगी। केबीसी में जाने का मौका मिला तो मैं भी दर्शकों में शामिल हुई। बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को सामने देख काफी अच्छा लगा। कभी सोचा भी नहीं था कि अमिताभ बच्चन को इतनी नजदीक से देखूंगी।
पारसमणि के परिवार में पत्नी अंशु देवी के साथ ही बेटी कशिश पारस, गुनगुन पारस व मिस्टी पारस है।
पारसमणि ने बताया कि केबीसी के लिए तैयारी करने के लिए बैठा तो पढ़ाई में मन नहीं लगता था। इसके बाद एक उपाय निकला। मैं फोन से जुड़ा व्यक्ति हूं तो यूट्यूब पर बहुत सारे GK और GS की क्लास को सुनने लगा। आज तक मेरे फोन में कोई मूवी या गाना नहीं चला। ई-रिक्शा चलाने से जब फुरसत मिलता, फोन पर सामान्य ज्ञान की बातें ही सुनता हूं। इसी का मुझे फायदा मिला है।
सेलेक्शन के बाद महिला सवारी को कहा-आप मेरे लिए लक्की हैं
जुलाई में ही केबीसी के लिए कॉल आया था। पारसमणि ने कहा कि जब केबीसी से फोन आया, उस वक्त रेलवे स्टेशन रोड पर ई रिक्शा ड्राइव कर रहे थे। एक महिला सवार थी। कॉल कटने के बाद काफी खुश हुए। महिला यात्री से कहा कि आप मेरे लिए काफी लक्की हैं। आप ई-रिक्शा पर बैठीं और मेरा सेलेक्शन केबीसी के लिए हो गया। महिला से आशीर्वाद भी लिया था।पारसमणि ने बताया कि गेम में हर महीने के अंतिम सप्ताह में इंडिया चैलेंजर्स वीक होता है। इसमें देशभर से 10 प्रतिभागी शामिल थे। अंतिम चरण में फास्टेस्ट-5 हुआ, इसमें लगातार 5 सवालों का सबसे पहले जवाब देने वाले को विजेता घोषित किया जाता है। इसमें वह विनर बनकर हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के साथ बैठे। हॉट सीट पर गया था तो थोड़ा नर्वस हो गया। हालांकि, अमिताभ बच्चन ने मजाकिया अंदाज से माहौल को हल्का किया। इसके बाद फिर कॉन्फिडेंस से खेलने लगा।
दो बार मदद लेनी पड़ी
गेम के दौरान पारसमणि को दो बार मदद लेनी पड़ी। 8वें नंबर के सवाल पर टीचर देवेंद्र सर से बात की थी। इसके बाद 9वें सवाल पर ऑडियंस की मदद ली थी। वहीं, 11वें सवाल के जवाब में 50-50 ऑप्शन का यूज किया था। इस दौरान अमिताभ बच्चन ने गेम के दौरान कई बार लाइफ से जुड़े सवाल किए। ई रिक्शा ड्राइवर जान कर हैरान भी हुए। उन्होंने काफी मोटिवेट भी किया।