Wednesday, September 25, 2024
Patna

गिरफ्तारी से बचने को 6 दिन में 4.40 करोड़ ट्रांसफर:हार्ट स्पेशलिस्ट हुए ठगी के शिकार

 

पटना.गया जिले के नामी हार्ट स्पेशलिस्ट और बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉ. एएन राय ने खुद की गिरफ्तारी से बचने के लिए 4 करोड़ 40 लाख रुपए साइबर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिए। रुपए एक दिन में नहीं बल्कि 6 दिनों में ट्रांसफर किए। छह दिनों तक दिल के डॉक्टर का दिमाग तनिक भी काम नहीं किया।

 

 

यही वजह रही कि गिरफ्तारी के भय में जीते रहे। इस दौरान उन्होंने इस बात की थोड़ी सी भी भनक तक किसी को नहीं लगने दी। सारे रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद दिल के डॉक्टर को अहसास हुआ कि वह तो ठगी का शिकार हो गए। तब साइबर थाने पहुंचे और केस दर्ज कराया। पूरी घटना 31 जुलाई से लेकर 6 अगस्त के बीच की है। ठगों ने क्रिमिनल केस का नाम लेकर डराया था।

 

29 जुलाई को फोन आया था

 

साइबर थाने में दर्ज रिपोर्ट में डॉ. एएन राय (अभय नारायण) का कहना है कि मेरे मोबाइल नंबर पर 29 जुलाई को 7337066781 नम्बर से एक फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि आपके विरुद्ध सीबीआई ने क्रिमिनल केस दर्ज किया है।

 

आपके नाम से एक मोबाइल नंबर है और आपके नाम से एचडीएफसी बैंक मुंबई में खाता खोला गया है। उस खाते में मनी लॉन्ड्रिंग और इनलीगल पैसा जमा होता है। अगर क्रिमिनल प्रोसिडिंग से आप बचाना चाहते हैं तो साइबर कोर्ट ने कहा है कि आपके बैंक खाता में जितना पैसा है उसको तत्काल हमारे भेजे जा रहे बैंक खाता में जमा कर दीजिए। नहीं तो हम लोग तुरंत वारंट लेकर आपको गिरफ्तार कर लेंगे।

 

ठगी का अहसास होने पर शिकायत दर्ज कराई

 

रिपोर्ट में डॉक्टर ने कहा कि इसके अलावा साइबर ठगों ने 3 करोड़ सिक्योरिटी मनी जमा करने की बात भी कही। इस प्रकार मैं उनकी बातों से बहुत डर गया और उनके विभिन्न खातों में 31 जुलाई से लेकर 5 अगस्त तक कुल 4 करोड़ 40 लख रुपए ट्रांसफर कर दिए।जब उस नंबर पर फोन किया तो वह नंबर बंद मिलने लगा। जबकि उस नंबर पर 31 जुलाई से लेकर 5 अगस्त तक लगातार बातचीत हो रही थी। काफी प्रयास करने के बाद भी जब नंबर नहीं मिला तो मुझे अहसास हो गया कि हमारे साथ साइबर ठगी की घटना हो गई है। हमने एनसीआर पोर्टल और गया साइबर थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

 

अनुसंधान के लिए एसआईटी बनाई गई है

 

एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि वादी के आवेदन के आधार पर गया साइबर थाना कांड संख्या- 106/24, धारा- 319(2)/318(4) BNS एवं 66(C)/66(D) IT Act कांड दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया है। गया साइबर थाना की ओर से आवेदक के खाता से निकासी होने के बाद जमा (प्राप्त कर्ता) का खाता जो करीब 123 के संख्या में है, सभी का KYC संबंधित बैंक से प्राप्त किया जा रहा है। KYC प्राप्त होने पर सम्बन्धित खाता धारक का सत्यापन किया जा रहा है।

 

गया साइबर थाना के द्वारा NCRP पोर्टल के माध्यम से अब तक इस कांड में करीब 61 लाख रुपया होल्ड कराया गया है और विधिक प्रक्रिया पूर्ण कर उसे वादी को वापस दिलाने के लिए कार्रवाई की जा रही है।वरीय पुलिस अधीक्षक गया ने इस मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी और त्वरित अनुसंधान के लिए SP City गया के नेतृत्व में SIT बनाई गई है।

Pragati
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