“मौसम अपडेट:मानसून की सक्रियता से अगले 24 घंटे में उत्तर बिहार के इन जिलों में अच्छी बारिश को लेकर अलर्ट
“मौसम अपडेट:समस्तीपुर.ग्रामीण कृषि मौसम सेवा पूसा एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा शुक्रवार को 13 से 17 तक का मौसम पूर्वानुमान जारी किया । इस पूर्वानुमान के अनुसार अगले 24 घंटों तक मानसून की सक्रियता बरकरार रहने के कारण मुजफ्फरपुर, पूर्वी तथा पश्चिमी चम्पारण के जिलों के कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा होगी। बाकी जिलों में भी अगले 24 घंटों में एक-दो स्थानों पर अच्छी वर्षा होने की संभावना है । 13 जुलाई के बाद वर्षा की संभावना में कमी होगी । जिसके कारण ज्यादातर स्थानों पर मौसम के शुष्क रहने की सम्भावना है।
हालाकि स्थानीय स्तर पर कुछ स्थानों में हल्की-हल्की वर्षा हो सकती है। अधिकतम तापमान 32 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। न्यूनतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 85 से 95 प्रतिशत तथा दोपहर में 45 से 55 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 12 से 15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार 13 जुलाई को गोपालगंज, सिवान, सारण जिलों में एक या दो स्थानों पर अति भारी वर्षा होने की संभावना एवं राज्य के उत्तर-पश्चिम व उत्तर-मध्य जिलों के कुछ स्थानों में मेघगर्जना व वज्रपात होने की संभावना को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं मौसम विभाग के अनुसार 13 जुलाई को तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस व उसके बाद तापमान में फिर से दो डिग्री के आसपास बढ़ोतरी होने की संभावना जतायी गई है। केला की रोपाई वर्षा की संभावना को ध्यान में देखते हुए करें। उत्तर बिहार में लम्बी किस्मों के लिए अलपान, चम्पा, कंथाली, मालभोग, चिनियाँ, शक्कर चिनियां, फिआ-23 तथा बौनी एवं खाने वाली किस्मों के लिए पैडनेन, रोबस्टा, बसराई, फिआ-1 अनुशंसित है। सब्जी वाली किस्में बत्तीसा, सावा, बनकेल, कचकेल, फिआ-3 तथा सब्जी एवं फल दोनों में उपयोग आने वाली किस्में कोठियों, मुठियां, दुधसागर एवं चकिया अनुशंसित है।
लम्बी जातियों में पौधा से पौधा की दूरी 2.0 मीटर है एवं बौनी जातियों में 1.5 मीटर रखें। फलदार पौधों का बगान लगाने का यह समय उत्तम चल रहा है। किसान नाई अपनी पसंद के अनुसार आम, लीची, आंवला, अमरुद, कटहल, शरीफा, नींबू के स्वस्थ पौधों को अधिकृत नर्सरी से खरीद कर रोपनी कर सकते हैं। रोपाई के पहले प्रति गड्ढा 40 से 50 किलोग्राम सड़ी गोबर का प्रयोग अवश्य करें। जब वर्षा हो रही हो तो रोपनी नहीं करें।