“पटना ZOO के जल उद्यान में लगा थ्री-स्टेप फाउंटेन:3 स्टेज में निकलेगा पानी
पटना जू में ‘वॉटर गार्डेन’ यानी की ‘जल उद्यान’ का जीर्णोधार किया जा रहा है। इसमें 7 तरह के फाउंटेन लगाए जा रहे हैं, जिनका काम लगभग पूरा हो चुका है। अभी मुख्य फाउंटेन और रेन डांस फाउंटेन में कुछ काम बाकी है।
मुख्य फाउंटेन की ऊंचाई लगभग 30 फीट है। वहीं, थ्री स्टेप फाउंटेन का काम पूरा कर लिया गया है। यह फाउंटेन अपने आप में खास होगा, क्योंकि इससे एक-एक करके तीन स्टेज में पानी निकलेगा। जल उद्यान में फेंसिंग और पाथवे का काम पूरा कर लिया गया है।
2.25 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा जीर्णोधार
पटना जू में जल उद्यान एक आकर्षण का केंद्र है। 30 साल पहले 1993 में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इसका उद्घाटन किया था, लेकिन अब इसका विस्तार किया जा रहा है। 2.25 करोड़ रुपए की लागत से जल उद्यान के पुराने डिजाइन में बदलाव कर नया स्वरूप दिया जा रहा है। यह पूरा जल उद्यान 2000 स्क्वायर फीट में तैयार किया जा रहा है, जो पहले लगभग 900 स्क्वायर फीट एरिया में बना था। काम पूरा होते ही अगले महीने अगस्त में इसका उद्घाटन होगा।
पानी में लगाए जाएंगे सुगंधित फूल
अरविंद कुमार ने कहा कि जल उद्यान के पानी में मौजूद कमल के फूल के साथ-साथ अन्य तरह के सुगंधित फूल भी लगाए जाएंगे। इस जल उद्यान का विस्तार करने का मकसद लोगों को नए चीजों से रुबरू करना है, क्योंकि यह काफी पुराना हो चुका है। दर्शक के लिए भी जबतक जू में कुछ नया चीज नहीं होगा, तो वह भी बोर हो जाएंगे। विजिटर फैसिलिटी को बढ़ाना ही जू का मकसद है।
7 तरह के फाउंटेन होंगे आकर्षण का केंद्र
पटना जू के रेंज ऑफिसर अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि जल उद्यान में 7 तरह के फाउंटेन लगाए जाएंगे। इनमें रेन डांस फाउंटेन, रहत फाउंटेन, वॉल फाउंटेन, फिश फाउंटेन, बैम्बू फाउंटेन, मिस्ट फाउंटेन और एलिफेंट फाउंटेन आकर्षण के केंद्र होंगे। ये जल उद्यान पटना जू में विजिटर्स के लिए एक नया सेल्फी प्वाइंट और मनोरंजन केंद्र होगा। इसमें से ‘रेन डांस फाउंटेन’ सबसे ख़ास होगा, क्योंकि लोग इसके अंदर जा सकेंगे, भींग सकेंगे और मस्ती कर सकेंगे।
जल उद्यान में पत्थर से पहाड़ीनुमा आकार बना है
अभी जल उद्यान के मुहाने पर पत्थर से पहाड़ीनुमा आकार बना हुआ है। उस पर पत्थर से दो हाथी की मूर्ति का निर्माण किया गया था, जिसमें से एक सफेद और दूसरी काले रंग की हाथी है। दोनों हाथी के सूंड आमने-सामने है। इसके बीच में अप्राकृतिक झरना का निर्माण किया गया था। दोनों हाथी के सूंड से पानी का फुहारा निकलता है।