तख्त श्री हरिमंदिर साहिब में होगा कॉरिडोर का निर्माण, केंद्र सरकार से जल्द मिलेगी हरी झंडी
पटना। Takht Sri Patna Sahib देश-विदेश के श्रद्धालु विश्व में सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब का सुगमतापूर्वक दर्शन पूजन कर सकें इसके लिए तख्त श्री हरिमंदिर कॉरिडोर के निर्माण को केंद्र सरकार से जल्द ही हरी झंडी मिलने की संभावना बढ़ गई है।
करोड़ों रुपये की लागत से बननेवाले इस कॉरिडोर का मकसद देश-विदेश से आनेवाले अनगिनत भक्तों को आसानी से सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह महाराज की जन्मस्थली तख्त श्री हरिमंदिर, बाललीला गुरुद्वारा, सिद्ध शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी, जैन श्वेतांबर मंदिर, हरिमंदिर गली शिव मंदिर व काली मंदिर में दर्शन कराना है।यह जानकारी गुरुवार को तख्त श्री हरिमंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही ने दी। उन्होंने बताया कि कॉरिडोर निर्माण के लिए उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री को पत्र सौंपा है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर निर्माण कराने का आग्रह
अध्यक्ष ने बताया कि प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं। पटना साहिब में भीड़ के कारण काफी परेशानी होती है। तख्त श्री हरिमंदिर कॉरिडोर का निर्माण भी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कराने का आग्रह किया गया है। करोड़ों की लागत से बननेवाले इस कॉरिडोर की मदद से भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद सीधे मंदिरों में पहुंच सकेंगे।
तख्त श्री हरिमंदिर कॉरिडोर को निर्माण दो हिस्सों में करने का सुझाव दिया गया है। यानी ऊपरी क्षेत्र व निचला क्षेत्र।
राज्य सरकार से मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाने की मांग
अध्यक्ष ने बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देख कंगन घाट में राज्य सरकार से पांच एकड़ जमीन पर पार्किंग व अन्य सार्वजनिक सुविधाएं भी मुहैया कराने का अनुरोध किया गया है। देश-विदेश से आए श्रद्धालु कंगन घाट पर ही पार्किंग में अपनी वाहन खड़ी करेंगे। वहां से श्रद्धालुओं को बैट्री वाहन से तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब लाने की सुविधाएं बहाल की जाएगी। कॉरिडोर निर्माण के बाद लगभग पांच हजार संगत तख्त श्री हरिमंदिर समेत आसपास के मंदिरों में दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
तख्त साहिब के आसपास की गलियों का होगा सुंदरीकरण
प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने बताया कि गंगा पाथ वे बनने से एयरपोर्ट, पटना जंक्शन समेत पटना समेत अन्य स्थानों से कम समय में आना अत्यंत आसान हो गया है।
वहीं तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब से सटी गलियों हरिमंदिर गली, बारा गली, दरीबाबाज बहादुर गली, काली स्थान मार्ग को चौड़ा करने व सुंदरीकरण करने की योजना है। कॉरिडोर का निर्माण इस प्रकार किया जाएगा कि किसी भी कीमत पर उसका मूलस्वरूप परिवर्तित ना हो और पुरानी परंपरा कायम रहे।
क्या है तख्त श्री हरिमंदिर का इतिहास?
सिख पंथ के तीन गुरुओं के पावन चरण से पवित्र हुई पटना साहिब की धरती पर सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म पौष सूदी सप्तमी के दिन संवत 1723 में 22 दिसंबर 1666 को हुआ। विश्व में सिख धर्म के पांच प्रमुख तख्तों में तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब का दूसरा स्थान है।उपाध्यक्ष गुरुविंदर सिंह बताते हैं कि जिस समय श्री गुरु गोविंद सिंह का जन्म पटना साहिब में हुआ था, उस समय उनके पिता व नवम् गुरु तेग बहादुर गुरु मिशन की प्रचार के लिए घुबड़ी आसोम की यात्रा पर गए थे। उस समय नवम गुरु की पत्नी माता गुजरी गर्भवती थी।
ऐसे में जब गुरु महाराज गायघाट स्थित बड़ी संगत गुरुद्वारा पहुंचे तो वहां से मुंगेर रवाना होने से पहले गुरु महाराज ने परिवार वालों को अच्छी तरह से हवेली में रखने का आदेश व संगत को आशीर्वाद दे प्रस्थान कर गए।जहां गुरु महाराज का जन्म हुआ है वहां पहले सालिस राय जौहरी का आवास होता था। इसी हवेली मे दशमेश गुरु का जन्म हुआ जो बाद में विश्व में सिखों का दूसरा बड़ा तख्त बन गया।