“बिहार में जारी है पुलों का धंसना;11 दिनों में 6 पुल धंसा,अब किशनगंज में 14 साल पुराने ब्रिज का पिलर धंसा, आवागमन बाधित
बिहार में पुलों के धंसने और ढहने का सिलसिला खत्म होता नहीं दिख रहा। पिछले 11 दिनों में 6 पुल छह चुके हैं। अब तीन दिनों से जारी तेज मूसलाधार बारिश के कारण किशनगंज के ठाकुरगंज प्रखंड के कुकुरबाघी पंचायत स्थित खौसीडांगी गांव में बूंद नदी पर बना पुरानी पुल के दो स्पेन रविवार को धंस गए। नदी के तेज बहाव के कारण अब इस पुल पर भी खतरा मंडराने लगा है। ठाकुरगंज की सीओ सुचिता कुमारी ने बताया कि ग्रामीणों से पुल का पाया धंसने की जानकारी मिली है।
आरडब्लूडी के सहायक अभियंता आलोक भूषण ने बताया कि भारी वाहनों का आवगमन फिलहाल रोक दिया गया है। वहीं इस पुल पर सोमवार की सुबह बैरिकेटिंग लगाकर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। यह पुल वर्ष 2009-10 में विशेष प्रमंडल के द्वारा बनाया गया था। उन्होंने कहा कि भारी वाहनों के आवागमन से इस पुल को क्षति हुई है। जिसकी जानकारी संबंधित वरीय पदाधिकारी को दी गई है। उन्होंने बताया कि पुल पर फिलहाल भारी वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है।
आपको बता दें पुल पर खतरा मंडराया तो कुकुरबाघी पंचायत का खौसी डांगी, मायनागुड़ी, लाठ गच्छ, बौरी गच्छ,माता बाजार आदि गांव का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क कट जाएगा। जिससे लगभग दस हजार ग्रामीण पूरी तरह बंगाल पर निर्भर हो जाएंगे। इस संबंध में स्थानीय लोग बताते हैं कि अत्यधिक बारिश होने के कारण बूंद नदी पर बना इस पुराने पुल का दो स्पेन धंस गया है।
अगर तत्काल इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई तो लगभग आधे दर्जन गांवों के हजारों ग्रामीणों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क कट जाएगा। यह सड़क स्थानीय ग्रामीणों के लिए लाइफ लाइन का काम करता है, जो ठाकुरगंज प्रखंड मुख्यालय से पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के खोरी बारी को भी जोड़ता है। ग्रामीणों के अनुसार बूंद नदी पर पुल वर्षों पहले बनाई गई थी।