Tuesday, September 17, 2024
Patna

महिला कॉलेज में गुरु पूर्णिमा पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन,गुरु के महत्व को बताया

श्री अरविन्द महिला कॉलेज, पटना के सेमिनार हॉल में गुरु पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गुरु शिष्य परम्परा पर आधारित एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. साधना ठाकुर सहित कई गणमान्य शिक्षाविदों ने छात्राओं को संबोधित किया और इस पावन पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला।

प्राचार्या प्रो. साधना ठाकुर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, “गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें गुरु-शिष्य संबंध की महत्ता का स्मरण कराता है। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है। हमें अपने गुरु के प्रति हमेशा श्रद्धावान रहना चाहिए।” उन्होंने छात्राओं को गुरु की महिमा और उनके महत्व को समझने का संदेश दिया।

प्रो. प्रभा मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “गुरु वह दीपक है जो अज्ञान के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। एक सच्चे गुरु की शिक्षाएँ हमें जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।” डॉ. अंजलि प्रसाद ने कहा, “गुरु केवल ज्ञान का संचार नहीं करता, बल्कि हमें नैतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण भी प्रदान करता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें आत्मनिरीक्षण करने और गुरु के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने का अवसर देता है।”

डॉ. आर सी पी सिंह ने गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोच्च है। यह पर्व हमें गुरु के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने और उनके सिखाए गए मूल्यों को जीवन में अपनाने का प्रेरणास्त्रोत है।”डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा, “गुरु हमें न केवल शैक्षणिक ज्ञान देता है, बल्कि हमें जीवन जीने की कला भी सिखाता है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें इस अद्वितीय संबंध की महत्ता को समझने और इसे सम्मान देने की प्रेरणा देता है।”

कार्यक्रम का मंच संचालन दर्शनशास्त्र विभाग के गोपाल कुमार द्वारा कुशलता पूर्वक किया गया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को सुसंगठित और सरस रूप में प्रस्तुत किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सपना बरुआ द्वारा किया गया, जिन्होंने सभी उपस्थित अतिथियों और छात्राओं का आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति के रूप में छात्रा सुप्रिया राज ने गुरु की महत्ता पर एक भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया, जिसने सभी का मन मोह लिया और कार्यक्रम को और भी यादगार बना दिया।

इस कार्यक्रम ने न केवल गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता को पुनः जागृत किया, बल्कि सभी को इस संबंध की गरिमा और महत्व को समझने का अवसर भी प्रदान किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की विभिन्न विभागों की लगभग 400 छात्रायें उपस्थित रहीं.

Kunal Gupta
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