Sunday, December 22, 2024
Patna

“मनोकामनाओं को पूरा करने वाला होता है श्रावण मास, इस साल बन रहा अद्भुत संयोग

श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना बहुत फलदायी माना जाता है। आचार्य विपुल तिवारी ने बताया शिवपुराण के अनुसार श्रावण मास में व्रत करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। सनातन धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है। इस मास में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास भगवान भोलेनाथ को सबसे प्रिय है।

इसे मनोकामनाओं को पूरा करने का महीना भी कहा जाता है। श्रावण मास को वर्ष का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। श्रावण मास का आरम्भ 22 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 19 अगस्त को है। श्रावण मास का पहला दिन ही सोमवार है, वहीं अंतिम दिन सोमवार है। शिवपुराण के अनुसार जो सोमवार का व्रत करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस महीने में भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। श्रावण मास में बेल पत्र से भगवान भोलेनाथ की पूजा करना और उन्हें जल चढ़ाना फलदायी माना जाता है।

श्रावण मास में ही किया गया था समुद्र मंथन श्रावण माह में ही समुद्र मंथन किया गया था। मंथन के दौरान समुद्र से निकले विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में समाहित कर संपूर्ण सृष्टि की रक्षा की। अग्नि के समान विष के पान उपरांत महादेव शिव का कंठ नीलवर्ण हो गया। विष की ऊष्णता को शांत कर भगवान भोले को शीतलता प्रदान करने के लिए समस्त देवी-देवताओं ने उन्हें जल-अर्पण किया। भगवान शिव की मूर्ति व शिवलिंग पर जल चढ़ाने का महत्व है। शिव पूजा में जल की महत्ता अनिवार्यता भी सिद्ध होती है।

Kunal Gupta
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