“वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 29 सितंबर तक बंद,शिकारियों पर नजर रखने को 300 से अधिक कैमरे लगे
मानूसन को देखते हुए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 29 सितंबर तक दर्शकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। बाघों की सुरक्षा के लिए नेपाल और यूपी की तरफ जंगलों में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। तीन महीने तक हर गतिविधि को कैमरे में कैद किया जाएगा।
वहीं 150 फॉरेस्ट गार्ड की टीम बनाकर अलग-अलग रेंज में तैनात किया गया गया है। बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने वाल्मीकि टाइगर रिजर्व की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने का निर्देश पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और वीटीआर प्रशासन को दिया है।
इसके पीछे वजह यह है कि बारिश में यहां बाघों का शिकार करने के लिए यूपी के साथ ही नेपाली शिकारी भी सक्रिय हो जाते हैं। नदी या जंगल के माध्यम से वीटीआर में प्रवेश करते रहते हैं। जब पब्लिक या वीटीआर प्रशासन पर नजर पड़ती है तो मरे हुए जानवर को छोड़कर भाग जाते हैं। इसके बाद वीटीआर में 300 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से जंगल में जानवरों के साथ ही संदिग्ध घूमने वालों की तस्वीर और वीडियों भी कैद होगा। कैमरों की मॉनिटरिंग कंट्रोल रूप से की जा रही है।
हाथियों आैर ट्रैक्टर से निगरानी
बरसात होने के कारण वीटीआर में जिप्सी या अन्य कोई गाड़ी जंगल में नहीं चल रही है, क्योंकि मिट्टी में अधिक नमी आ गई है। इसलिए चार हाथियों से मॉनिटरिंग की जा रही है। टाइगर रिजर्व के 900 वर्ग किमी क्षेत्र में एंटी कोचिंग कैंप बनाया गया है। हर 17 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की जिम्मेवारी एक कैंप को दी गई है। हर कैंप में ट्रैक्टर भी दिया गया है। वाच टावर की संख्या बढ़ा दी गई है। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन पीके गुप्ता ने कहा-मानसून के दौरान करीब तीन माह वीटीआर में विजिटर्स के लिए बना ट्रैक भी धंस जाता है। मानसून में जानवरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर, डीएफओ और रेंजर को मानसून के दौरान अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। वाच टावर के साथ-साथ हाथी से जंगलों में मॉनिटरिंग की जा रही है। जंगलों में अधिक संख्या में फॉरेस्ट गार्ड तैनात हैं। नेपाल और यूपी की तरफ से सटे जंगलों में विशेष मॉनिटरिंग करने के लिए निर्देश दिया गया है। लकड़ी काटते या जानवरों को शिकार करते शिकारी पकड़े जाते हंै तो वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। डॉ. प्रेम कुमार, पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, बिहार