“समस्तीपुर में केवल एक वर्ष में जिले के 20 मामलों में 64 लाख 84 हजार से अधिक की हुई साइबर ठगी
समस्तीपुर.जिले में साइबर अपराध पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। साइबर ठगी से जुड़े कई मामले हर महीने साइबर थाने में दर्ज हो रहे हैं। इस साल 12 जुलाई तक इससे जुड़े हुए 20 मामले साइबर थाने में दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में 64 लाख 84 हजार 405 रुपए की साइबर ठगी हुई है। इसमें एक मामला ऐसा भी जिसमें पीड़ित के द्वारा राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराने के 72 घंटे के बाद फिर से साइबर फ्रॉड की घटना हो गई थी। वहीं एक दूसरे मामले में 25 हजार की लिमिट प्रतिदिन के बावजूद पीड़ित के बैंक खाते से एक लाख 63 हजार रुपए की अवैध निकासी का साइबर फ्रॉड हो गया।
जागरूकता के आभाव के कारण साइबर ठग के शिकार ग्रामीण ही नहीं बल्कि कई पढ़े-लिखे और ओहदे पर बैठे लोग भी हो रहे हैं। पुलिस कर्मी से लेकर व्यवसायी तक साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। लोग ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन टास्क, व्यवसाय, असुरक्षित एप व अनवांटेड सस्पेक्टेड लिंक पर क्लिक आदि कर साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। जिले के ताजपुर थाने में पदास्थापित भोजपुर जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के शोभि डुमरा के रहने वाले छठी लाल सिंह के पुत्र प्रीतम सिंह लाखों रुपए का लोन लेकर एक ऑनलाइन ट्रेडिंग में इन्वेस्ट किया था।
जिसके बाद वह 17 लाख 46 हजार 686 रुपए का साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए। केस 2- जिले के विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के गोपालपुर के रहने वाले आशीर्वाद को ऑनलाइन गेम खेलने की आदत थी। सहरसा के रहने वाले अपने एक दोस्त के कहने पर कि वह इस गेम में मैनेजर है, उसने उस गेम में आईडी बनाकर उस गेम में रुपए इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया। जिसके बाद उसके आईडी को गेम प्रमुख के द्वारा ब्लॉक कर दिया गया। आशीर्वाद के अनुसार उसके आईडी में नौ लाख 90 हजार रुपए जमा थे।
साइबर थाने के इंस्पेक्टर धनंजय कुमार ने बताया शिकायत दर्ज करने के लिए पदाधिकारी व कर्मी प्रतिनियुक्त हैं। जहां पीड़ितों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर अनुसंधान किया जाता है। ऐसे ही एक साइबर क्राइम के एक मामले में एक अभियुक्त को दिल्ली से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। अधिकांश मामलों में लोग ऑनलाइन रुपए कमाने की लालच के कारण साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं। साइबर अपराधी ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं और यही कारण है कि आए दिन साइबर ठगी का मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए पहले लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। इसको लेकर समय-समय पर जागरूक भी किया जाता है।
^साइबर फ्रॉड से बचने के लिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करें। अपना ओटीपी शेयर नहीं करें। ऑनलाइन रुपए कमाने की लालच से बचें। किसी भी प्रकार की शिकायत होने पर अपने नजदीक के साइबर थाना में संपर्क करना चाहिए। – धनंजय कुमार, इंस्पेक्टर, साइबर थाना, समस्तीपुर
जिले के घटहो थाना क्षेत्र के रहने वाले मुकेश कुमार शर्मा ने प्राधानमंत्री जन औषधी केन्द्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। जिसके बाद साइबर ठगों ने उनसे रजिस्ट्रेशन व ड्रग्स लाईसेंस आदि के नाम छह लाख 79 हजार 950 रुपए की ठगी कर ली।
साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए अपनाएं महत्वपूर्ण सावधानियां {अपने डिवाइस के पासवर्ड को मजबूत और जटिल बनाएं। उसमें अक्षरों, संख्याओं और विशेष चिन्हों का मिश्रण हो। पासवर्ड को नियमित रूप से बदलते रहें। {ऑनलाइन रुपए कमाने की लालच देने वाले एप और वेबसाइट से दूरी बनाए रखें। फोन पर अपना डिटेल देने से व ओटीपी शेयर करने से बचें। {किसी भी संदिग्ध ईमेल या लिंक पर क्लिक न करें। फिशिंग अटैक से बचने के लिए अनजान स्रोतों से आए ईमेल को नजरअंदाज करें। {ऑनलाइन खरीदारी या बैंकिंग करते समय हमेशा सुरक्षित व भरोसेमंद वाली वेबसाइट का ही उपयोग करें। अपने कंप्यूटर, मोबाइल और अन्य डिवाइस को समय-समय पर अपडेट करते रहें ताकि वे नवीनतम सुरक्षा पैच से सुरक्षित रहें।