Saturday, November 16, 2024
Patna

“72 वर्षीय कृष्णा बम 41वीं बार देवघर में करेंगी जलाभिषेक, मुजफ्फरपुर से सुल्तानगंज के लिए हुईं रवाना

मुजफ्फरपुर की कृष्णा बम 41वीं बार बाबा के जलाभिषेक के लिए घर से निकल चुकी हैं। रविवार को सुल्तानगंज से जल लेकर कांवड़ यात्रा की शुरुआत करेंगी।कृष्णा बम ने बताया कि पति अचानक बीमार पर गए थे और पारिवारिक स्थिति खराब हो गई थी, जिसके बाद संकल्प लिया था कि बाबा गरीब नाथ पर जलाभिषेक करूंगी। 1976 में जलाभिषेक की शुरुआत की थी।

1982 से लगातार 2022 तक सावन की हर पहली सोमवारी को सुल्तानगंज से पैदल देवघर जाती रही और बाबा का जलाभिषेक किया। 40 वर्षों तक जलाभिषेक कर चुकी हूं।2023 में अस्वस्थ होने के कारण नहीं जा सकीं। पैर टूट गया था। स्टील लगा था, दो अब निकल गया है। इस बार पहली सोमवारी को ही बाबा वैद्यनाथ को जल अर्पित करूंगी। तीसरी सोमवारी को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में जल अर्पित करूंगी।

जिले के चकबासू निवासी पेशे से शिक्षक रहीं कृष्णा रानी उर्फ कृष्णा बम (72) शिव भक्ति की बात पर भावुक हो जातीं हैं। वहीं, कांवरिया पथ पर माता बम के रूप में प्रसिद्ध हैं। सुल्तानगंज से देवघर तक के पंडा-पंडितों, कांवरिया और प्रशासनिक महकमे को भी इनका इंतजार रहता है। 110 किलोमीटर की डाक कावड़ यात्रा 14 से 16 घंटे में पूरी करती रहीं हैं।

हरिद्वार से देवघर तक एक माह में कांवड़ यात्रा की

कृष्णा बम ने कहा कि मध्यप्रदेश की नर्मदा नदी से जलबोझी कर पैदल 140 किलोमीटर की दूरी तय कर महाकालेश्वर मंदिर जाऊंगी। मैं 12 ज्योतिर्लिंग के साथ पाकिस्तान में कटास राज बाबा का दर्शन और पूजन कर चुकी हूं।1982 से 2022 तक सुल्तानगंज से देवघर जाती रही हूं। 2006 में सुल्तानगंज से देवघर दंड प्रणाम करते दांडी बम बनकर यात्रा पूरी की।

1976 से 1982 तक लगातार पहलेजाघाट से मुजफ्फरपुर बाबा गरीबनाथ तक करीब 85 किलोमीटर डाक कांवर यात्रा की और बाबा को जल चढ़ाया।1988 में हरिद्वार से देवघर तक एक माह में कांवड़ यात्रा की। तीन माह में गंगोत्री से रामेश्वर तक पैदल यात्रा की। जिसमें बेटे मुकेश कुमार का सहयोग रहा।

घर वाले मना कर रहे थे

कृष्ण बम ने बताया कि पिछले 40 वर्षों से लगातार देवघर जाती रही हूं। 41वें वर्ष भी जा रही हूं। सभी वर्षों में डाक बम बनकर जलाभिषेक किया था। पिछले साल पैर टूटने का बाद स्टील लगा था। वह अब निकल गया है। घर से सभी माना भी कर रहे थे, लेकिन बाबा बैजनाथ धाम के लिए निकल रही हूं। अब बाबा की कृपा होगी, जैसा पहुंच जाए। वहां जल चढ़ने के बाद महाकाल दर्शन के लिए प्रस्थान होगा। अभी तक दंड प्रणाम करके एक महीने में बाबा वैद्यनाथ पहुंची थी।

गंगोत्री से रामश्वर्म, पाकिस्तान का कटासराज, मानसरोवर की कैलाश यात्रा और साइकिल से 12 बार वैष्णो देवी माता मंदिर जा चुकी हूं। मेरी आस्था में शिव भक्ति प्रथम स्थान है।

Kunal Gupta
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