Tuesday, July 2, 2024
Patna

“आज रात 12 बजे के बाद किसी की हत्या होने पर लगेगी धारा-103, धोखाधड़ी होने पर अब 420 की जगह 318

पटना.1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो जाएंगे। भारतीय न्याय संहिता 2023 के मुताबिक, 30 जून की रात 12 बजकर एक मिनट पर किसी की हत्या होने पर धारा 103 लगेगी।

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जबकि हत्या के मामले में आईपीसी की धारा 302 लगती थी। इसी तरह डकैती होने पर धारा 310 लगेगी, पहले 391 लगती थी। अब धोखा कहने पर किसी की 420 नहीं कह सकेंगे। धोखाधड़ी की धारा 318 हो गई है। हालांकि अभी कुछ साल तक आईपीसी, सीआरपीसी और इंडिया एविडेंस एक्ट के साथ-साथ ये तीनों नए कानून प्रभावी रहेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि जब तक 30 जून की रात 11:59 बजे तक दर्ज सभी केस का निपटारा होने में समय लगेगा।

बिहार पुलिस के 27 हजार अधिकारियों को दी गई ट्रेनिंग

बिहार पुलिस अकादमी, राजगीर के निदेशक आईपीएस बी. श्रीनिवासन ने कहा कि नए कानूनों के लेकर बिहार पुलिस के 27 हजार से अधिक एसआई से लेकर डीएसपी, एसपी और उनके ऊपर के अधिकारियों को ट्रेनिंग दे दी गई है। तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद एफआईआर से लेकर अदालत के निर्णय तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। देश में एक ऐसी न्यायिक प्रणाली स्थापित होगी जिसके जरिए 3 वर्षों के भीतर न्याय मिल सकेगा।

3 साल से कम सजा वाले केस में गिरफ्तारी डीएसपी की अनुमति पर

जिन मामलों में 3 साल या उससे कम सजा है, उनमें आरोपी की गिरफ्तारी डीएसपी की अनुमति के बिना नहीं होगी। जो पुराने कानून में नहीं था। उन लोगों की गिरफ्तारी नहीं होगी जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है या शारीरिक रूप से कमजोर हैं। गिरफ्तार करने पर उनके परिवार को फौरन सूचना देनी होगी। भगोड़े अपराधियों की गैरमौजूदगी के मामलों में 90 दिन के भीतर चार्जशीट दायर करने का प्रावधान है।

7 साल या इससे अधिक सजा वाले केस में एफएसएल टीम को जाना होगा

हत्या, डकैती समेत अन्य संगीन अपराध, जिनमें 7 साल या उससे अधिक की सजा का प्रावधान है, उनमें एफएसएल की टीम को मौके पर जाना होगा। टीम वहां जाकर सभी साक्ष्य इकट्ठा करेगी। इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड की मान्यता अन्य दस्तावेज की तरह होगी। इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को मान्यता दी गई है।

अॉनलाइन भी दर्ज होगा केस, थाना जाने पर 30 मिनट में सुननी होगी शिकायत

अब थाना जाकर केस करने की जरूरत नहीं है। कहीं से भी ऑनलाइन केस दर्ज कर सकेंगे, लेकिन तीन दिन के अंदर उस थाने में आकर ऑनलाइन आवेदन की कॉपी पर साइन करना होगा। इसके अलावा कहीं भी घटना होने पर जीरो एफआईआर कर सकते हैं। संबंधित थाना उसे उसी थाने में भेज देगा। खास बात यह है कि थाना पहुंंचने पर 30 मिनट में ही पुलिस को पीड़ित की शिकायत सुननी होगी, नहीं तो कार्रवाई होगी। एफआईआर दर्ज होने के बाद केस में क्या हो रहा है इसे एफआईआर नंबर के आधार पर ऑनलाइन देख सकते हैं।

पुलिस को गिरफ्तारी का फोटो और वीडियो बनाना होगा : पुलिस अक्सर गिरफ्तारी कहीं से करती थी आैर उसे दिखाती कहीं से थी। नए कानून में ऐसा नहीं चलेगा। नए कानून में जहां से गिरफ्तारी होगी वहां का फोटो आैर वीडियो बनाना होगा। रेप के मामले में 7 दिन के अंदर मेडिकल रिपोर्ट और 60 दिनों के अंदर अनुसंधान पूरा करना होगा। किसी भी केस में तीन माह के अंदर आईओ को जांच की रिपोर्ट पीड़ित को भी देनी होगी। केस वापस लेने के पहले पीड़ित का पक्ष सुनना होगा।

जानिए अब किस अपराध में कौन धारा लगेगी

अपराध पहले अब

हत्या 302 103

लूट 392 309

चोरी- 378 303(1)

हत्या का प्रयास 307 109

धोखाधड़ी 420 318

जान मारने की धमकी 506 351

छेड़खानी 354 74

रेप 376 64

दहेज हत्या 304 बी 80

दूसरी शादी करना 494 82

नाबालिग का अपहरण 363 139

आत्महत्या के लिए उकसाना 306 108

लज्जा भंग करना 509 79

लोकसेवकों को डराकर रोकना 353 121

भ्रूण हत्या 315 91

रंगदारी 38 308

डकैती के दौरान कत्ल 396 310 (3)

पति या उसके रिश्तेदार द्वारा क्रूरता- 498 ए 85

एक नए युग की शुरुआत : कानूनविद

चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) फैजान मुस्तफा ने कहा कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है। इन तीन कानूनों से पहली बार हमारी आपराधिक न्यायिक प्रणाली भारत द्वारा, भारत के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाए गए कानूनों से चलेगी। तीन नए प्रमुख कानूनों का मकसद सजा देने की बजाय न्याय देना है। अभी कई साल तक पुराने और नए कानून दोनों साथ-साथ चलेंगे।

Kunal Gupta

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