Monday, September 30, 2024
Patna

चिटफंड कंपनी में नौकरी के झांसे में यौन शोषण:प्रमोशन के लिए लड़कियों पर हमबिस्तर होने का बनाते थे दबाव, विरोध करने पर बंधक बनाकर करते थे पिटाई

मुजफ्फरपुर | ग्राहकों को फंसाने के लिए डीबीआर कंपनी काम में करने वाले युवक-युवतियों को 102 बिंदुओं पर टास्क दिया जाता था। कंपनी में इसे हर दिन रटाया जाता था। कंपनी से नए-नए जुड़े युवक-युवतियों को सिपाहपुर स्थित सेंटर पर लाया जाता था, जहां प्रतिदिन सुबह एक घंटे टास्क रटाया जाता था। जिस बिल्डिंग में कंपनी का सेंटर था, उसके मालिक ने बताया कि सेंटर पर बच्चों को पढ़ाने के नाम पर बिल्डिंग के पहले तल का फ्लोर लिया गया था। महीने के 3-4 हजार रुपए मिलते थे। पहला फ्लोर पूरा हॉल ही है।

हॉल इतना बड़ा है कि उसमें एक साथ 200 से अधिक लोग बैठ सकते हैं। वहां प्लास्टिक की चट्ट पर युवक-युवतियों की ट्रेनिंग दी जाती थी। लोगों को इस बात की थोड़ी भी भनक नहीं लगने दी की ऊपर क्लास चल रहा है या प्लानिंग। लोगों को किसी प्रकार का शक भी नहीं हुआ। मकान मालिक ने बताया कि इसपर शक नहीं हुआ, क्योंकि सुबह 6 बजे आते थे और 7 बजे तक चले जाते थे। कभी-कभी यहां से जाते हुए सिर्फ युवकों को देखा। उनके सामने लड़की एक भी नहीं गई। इधर, बखरी मोड़ स्थित भवन में ऑफिस के लिए डीबीआर कंपनी ने किराए पर लिया था। किराए के मकान में युवक-युवतियां रहती थीं। स्थानीय लोगों की मानें तो डीबीआर कंपनी के यहां रहने वाले कई युवक बुधवार शाम से ही जाने लगे थे। कई युवक को कपड़े और बर्तन के साथ लोगों ने जाते देखा।

मुजफ्फरपुर डीबीआर चिटफंड कंपनी में नौकरी के झांसे में यौन शोषण की शिकार मीनापुर की पीड़िता ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कंपनी में प्रमोशन के लिए लड़कियों पर हमबिस्तर होने का दबाव बनाया जाता था। शारीरिक संबंध बनाने पर वीडियो बना लिया जाता था। इसके बाद वीडियो को वायरल करने की धमकी दी जाती थी। विरोध करने पर बंधक बनाकर पिटाई की जाती थी। पूरे परिवार की हत्या करने की धमकी देते थे।

पीड़िता ने बताया कि सोशल मीडिया पर महिलाओं के लिए नौकरी का विज्ञापन देते थे। विज्ञापन देखकर जब लड़कियां या महिलाएं नंबर पर कॉल करती थीं तो प्रशिक्षण के लिए 20 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा जाता था। विलंब होने पर कंपनी का मैनेजर तिलक सहित अन्य उन्हें सोशल मीडिया पर मैसेज करने लगते थे।

रुपए जमा करने के बाद अहियापुर थाना के बखरी के पास कई अन्य लड़कियों के साथ प्रशिक्षण के लिए रखा जाता था। इसके बाद कई माह तक उसे और अन्य लड़कियों को वेतन नहीं मिला। सीएमडी मनीष सिन्हा व मैनेजर तिलक सिंह से वेतन मांगने पर संस्था में 50 और लड़कियों को जोड़ने के लिए कहते थे। कहते थे कि इसके बाद 50 हजार रुपए वेतन मिलेगा।

Kunal Gupta
error: Content is protected !!