Sunday, November 24, 2024
Samastipur

रेलवे ट्रैक में क्रैक देख लाल गमछा दिखाकर शहवाज ने ट्रेन को रोका,समस्तीपुर मंडल रेल प्रबंधक ने शहवाज को किया पुरस्कृत

समस्तीपुर- मुजफ्फरपुर रेल खंड पर भोला टाकिज गुमटी के समीप रेलवे ट्रैक में क्रैक देखा उसी समय ट्रेन आ रही थी जिसे लाल गमछा दिखाकर मो० शहवाज प्रवेज ने भी ट्रेन को रोका l इस उत्तम कार्य के लिए मंडल रेल प्रबंधक विनय श्रीवास्तव द्वारा पुरस्कृत किया गया l इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक साथ शाखाधिकारीगण एवं यूनियन के पदाधिकारी उपस्थित रहे l

दरअसल, ये मामला समस्तीपुर जिले के मुजफ्फरपुर रेलखंड पर भोला टॉकीज गुमटी के पास का है। यहां 12 साल के मोहम्मद शाहबाज ने टूटी हुई पटरी देख ली थी। इसके बाद उसने लाल तौलिया से ट्रेन को रोकने का काम किया और उसके बाद अधिकारियों को इसकी जानकारी दी।

कौन सी ट्रेन हो सकती थी दुर्घटनाग्रस्त?
जानकारी के मुताबिक, शाहबाज ने लाल तौलिया दिखाकर हावड़ा-काठगोदाम एक्सप्रेस को रोका था। इस ट्रेन में सैकड़ों यात्री सवार थे। शाहबाज की समझदारी से सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई। इस दौरान करीब आधा घंटा ट्रेन का परिचालन बाधित रहा। रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी वहां पहुंचे और ट्रेन की पटरी का मरम्मत कार्य मौके पर ही पूरा किया गया। बताया जा रहा है कि टूटी हुई पटरी पर से की ट्रेन पहले जा चुकी थी।

शाहबाज ने क्या बताया?
हादसे को रोकने वाले मोहम्मद शाहबाज ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब वो वहां से घर जा रहे थे तो उन्होंने देखा कि पटरी टूटी हुई है और उस पर से गाड़ियां जा रही हैं तो उन्होंने अपना गमछा लेकर ट्रेन के आगे हिलाना शुरू कर दिया। फिर ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रेन रोक दी। इसके बाद बच्चे ने ट्रेन ड्राइवर को टूटी हुई पटरी दिखाई। इसके बाद रेलवे अधिकारियों को बुलाया गया और फिर आधा घंटे तक ट्रेन के परिचालन को रोक कर पटरी की मरम्मत कराई गई।

ये ट्रेनें गुजरीं उस पटरी से
बता दें कि शाहबाज के उस जगह पर पहुंचने से पहले कई ट्रेनें वहां से गुजरी थीं। इसमें बाघ एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस, मिथिला एक्सप्रेस, अहमदाबाद साबरमती एक्सप्रेस, समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर मेमू स्पेशल, मौर्य एक्सप्रेस, नई दिल्ली क्लोन स्पेशल और विहार संपर्क क्रांति सुपर फास्ट एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें 13019 बाघ एक्सप्रेस के आने से पहले उसी ट्रैक पर गुजरी थीं। आखिर में जिस ट्रेन को रोका गया वह हावड़ा से काठगोदाम जा रही थी।

Kunal Gupta
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