Tuesday, November 26, 2024
Samastipur

“समस्तीपुर :प्रा. विद्यालय में एमडीएम खाने के 1 घंटे बाद 20 बच्चों की तबीयत बिगड़ी, भर्ती

“समस्तीपुर :कल्याणपुर.रामभद्रपुर पंचायत के प्रावि कोयलाम में एमडीएम खाने के बाद 20 छात्रों की अचानक तबीयत खराब हो गई। बताया गया कि मध्याह्न भोजन में छात्रों को चावल, चना, आलू की सब्जी व अंडा दिया गया था। खाना खाने के एक घंटा बाद लगभग 20 बच्चे को पेट दर्द व उल्टी होने लगी। इसकी सूचना अभिभावक को मिली। लोगों की भीड़ जुटने लगी। इसके बाद पूर्व मुखिया मोहम्मद कुदूश व अन्य अभिभावक ने इसकी सूचना बीडीओ देवेंद्र कुमार को दी। फिर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची कल्याणपुर स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की टीम ने एंबुलेंस से विद्यालय पहुंचकर सभी बच्चों का इलाज किया।

डॉक्टर की टीम ने बताया कि फूड पॉइजनिंग का प्रारंभिक लक्षण है। बच्चों ने बताया कि अंडा खाने के कुछ देर के बाद हम लोग खेलने के लिए चले गए। इसी दौरान अचानक जोर से पेट दर्द उल्टी होने लगी। लोगों से जानकारी होने के बाद विद्यालय पहुंच अभिभावकों ने एचएम को घेर लिया। इस दौरान पहुंचे अधिकारियों को कहा कि यह एचएम की लापरवाही है। बच्चों की तबियत खराब होने के बावजूद उनको या पीएचसी समेत अधिकारियों को खबर नहीं की गई। अभिभावकों को एचएम कोे अविलंब हटाने की मांग की। इधर कल्याणपुर पीएचसी से एंबुलेंस से पहुंची डॉक्टरों की टीम ने बच्चों के इलाज के बाद कहा कि फूड पॉइजनिंग का प्रारंभिक लक्षण था। सभी बच्चे स्वस्थ्य हैं।

आक्रोशित अभिभावक व ग्रामीणों ने प्रभारी एचएम सोमप्रभा गुप्ता को घेर कर रोक लिया। सूचना पर पहुंची कल्याणपुर पुलिस ने संबंधित विभाग के पदाधिकारी को इसकी सूचना दी। सूचना पर पहुंचे वीपीएम आनंद अभिनंदन, एमडीएम पदाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद मौके पर पहुंचे। इस दौरान सभी बच्चों के अभिभावकों ने प्रभारी एचएम को विद्यालय से हटाने की मांग की। बीपीएम आनंद अभिनंदन ने कार्रवाई का आश्वासन पर लोगों के गुस्सा शांत हुआ। हालांकि बच्चों के प्राथमिक इलाज करने के बाद सभी की स्थिति सामान्य हो गई है। एचएम सोमप्रभा गुप्ता ने कहा विभाग के निर्देशानुसार खाना बनाया गया था।

प्रबंधक अभिनव आनंद ने कहा मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं डॉक्टरों का बताना है कि ठीक-ठीक अंदाजा लगा पाना संभव नहीं है कि किस पदार्थ से फूड पॉइजनिंग हुई है। यह पूर्ण जांच के बाद ही बताया जा सकता है। वैसे बहुत ही प्रारंभ की स्थिति का मामला है। जिसका इलाज कर दिया गया है और सभी बच्चे सुरक्षित हैं।

Kunal Gupta
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