“विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की तैयारी शुरू,श्रद्धालुओं के लिए चार जगह पर 1600 बेड की टेंट सिटी बनेगी
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की तैयारी शुरू हो गई है। इस बार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र की चार जगहों पर 1600 बेड की टेंट सिटी बनाई जाएगी। शुक्रवार को पर्यटन विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा ने जुलाई-अगस्त में लगने वाले श्रावणी मेले को लेकर समीक्षा बैठक की। इसमें सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि टीम ने श्रावणी मेला स्थल सुल्तानगंज से लेकर मेला पथ में झारखंड बॉर्डर तक निरीक्षण कर रिपोर्ट दी है। उसके हिसाब से कार्ययोजना बनाई गई है।
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक नंदकिशोर ने बताया कि श्रावणी मेले के दौरान सुल्तानगंज में गंगा तट पर पर्यटन सूचना केंद्र के साथ गंगा आरती की व्यवस्था रहेगी। मुंगेर के धोबई में 200 व खैरा में 200 और बांका के अबरखा में 600 श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी बनाई जाएगी। मेला क्षेत्र का सौंदर्यीकरण, कांवरियों के बैठने के लिए जगह-जगह पर बेंच और कांवर रखने के लिए स्टैंड बनाए जाएंगे। कचरा प्रबंधन, साफ-सफाई की उचित व्यवस्था रहेगी। पूरे मेला क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। श्रद्धालुओं की सहायता के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन चलाई जाएगी।
बैठक में मंत्री ने कहा कि सुल्तानगंज में भी कई श्रद्धालु आवासन करना चाहते हैं, उनके लिए व्यवस्था की जाए। इसके बाद निर्णय लिया गया कि 600 बेड की टेंट सिटी सुल्तानगंज में भी बनाई जाएगी। मंत्री ने कहा कि सुल्तानगंज में शिवजी की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाए, जहां पर भक्ति संगीत का निरंतर प्रसारण होता रहे। उन्होंने सभी जगहों पर सुविधाओं के सूचनापट्ट और उनपर हेल्पलाइन नंबर लगाने के निर्देश दिए। टेंट सिटी में साफ-सफाई को लेकर विशेष तौर पर चौकसी बरतने और गर्मी को देखते हुए पंखे की पर्याप्त संख्या रखने के भी निर्देश दिए।
ईको टूरिज्म के तौर पर विकसित होंगे राज्य के पर्यटन स्थल, पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी
पटना| पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और पर्यटन विभागों की संयुक्त बैठक शुक्रवार को आरण्य भवन में हुई। इसमें पर्यावरण मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा मौजूद रहे। इस दौरान राज्य एवं केंद्र की लंबित योजनाओं पर चर्चा हई। साथ ही बिहार में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के सुझावों पर सहमति बनी। इसके लिए पर्यावरण एवं पर्यटन विभाग में एमओयू किया जाना है। डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में मंदार पर्वत, धुआं कुंड, तुतला भवानी, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, वाणावर, शेरगढ़ किला समेत अन्य पर्यटन स्थलों को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा।
बैठक में गया के गुरपा में पर्यटन विभाग की 917.52 लाख रुपए की योजना स्वीकृत की गई। बोधगया के माया सरोवर की भूमि, रकबा 5.64 एकड़, पर्यावरण विभाग को हस्तांतरण के प्रस्ताव को सहमति दी गई। इसके बदले जेपी पार्क, बोधगया की भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय हुआ। कैमूर के मुंडेश्वरी पर्वत पर रोपवे के लिए मंजूरी, राजगीर जू एवं नेचर सफारी में ग्रुप पर्यटकों व टूर ऑपरेटर के लिए प्राथमिकता पर भी चर्चा हुई।
यहां पर्यटक सुविधा बढ़ेगी : गया में स्व. दशरथ मांझी स्थल, वाणावर, रोहतास में रोहतासगढ़ किला, शेरगढ़ किला, तुतला भवानी, गुप्ताधाम, सासाराम में धुआं कुंड व मांझर कुंड।ये पर्यटन स्थल होंगे विकसित : गया में मां मंगला गौरी, बोधगया में डुंगेश्वरी पर्वत, करमचट डैम, वाल्मीकिनगर, राजगीर में घोड़ा-कटोरा, बांका में मंदार पर्वत।