“बिहार में 18 हजार पेड़ों को काटने पर रोक, खनन कंपनी और प्रशासन से किया जवाब तलब
“बिहार में हाईकोर्ट ने गया जिला के खिजरसराय प्रखंड स्थित देवगांव में बालू खनन के लिए 18 हजार पेड़ों को काटने पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बालू खनन करने वाली कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही मगध प्रमंडल के आयुक्त, गया के डीएम और खनन विभाग को भी जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने रौशन कुमार एवं अन्य की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि देवगांव में वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के तहत फल्गु नदी के किनारे 18 हजार पेड़ लगाए गए थे। पेड़ लगभग पांच छह फीट बड़ा भी हो गया है। राज्य सरकार ने बालू खनन के लिए इस क्षेत्र को मानपुर स्थित लक्खीबाग के सियाराम कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया है। कंपनी ने इसी के मद्देनजर पेड़ कटवाने के लिए जिला प्रशासन के साथ ही खनन पदाधिकारी से अनुरोध किया है ताकि वह खनन का काम शुरू कर सके। इसी को लेकर याचिकाकर्ताओं ने पर्यावरण को बचाने के लिए कोर्ट की शरण ली है। अगली सुनवाई 26 जुलाई को फिर होगी।