“मौसम का हाल;5 तक बारिश की संभावना नहीं, शुष्क हवा और प्रचंड लू की बनी रहेगी स्थिति
समस्तीपुर।ग्रामीण कृषि मौसम सेवा पूसा एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा मंगलवार को एक से पांच मई तक का मौसम पूर्वानुमान जारी किया गया। जारी मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन मई तक शुष्क हवा तथा प्रचंड लू (हीट वेव) की स्थिति बने रहने की सम्भावना है। उसके बाद लू की स्थिति में कमी आने की सम्भावना है। इसके कारण तापमान में हल्की गिरावट के साथ यह 40 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ सकता है। इस दौरान उत्तर बिहार के जिलों में इस अवधि में आसमान प्रायः साफ तथा मौसम के शुष्क रहने का अनुमान है। हालांकि इस दौरान बारिश की संभावना नहीं जताई गई है। अगले दो-तीन दिनों तक अधिकतम तापमान 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। उसके बाद यह तापमान 37-39 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की सम्भावना है।
इस अवधि में न्यूनतम तापमान 24-27 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की सम्भावना है। सतही हवा की गति तेज रह सकती है। औसतन 14 से 20 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने की सम्भावना है। 4-5 मई में पुरवा हवा भी चल सकती है। वहीं मंगलवार को अधिकतम तापमान में सामान्य से 6.3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह 41.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस कम रहते हुए 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शुष्क मौसम एवं बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है कि सभी खड़ी फसलों एवं सब्जियों में सिंचाई करें। गेहूं, अरहर एवं रबी मक्का फसल की कटनी तथा दौनी को उच्च प्राथमिकता देकर सम्पन्न करें। गर्म हवाएं से अपने बाग को सुरक्षित करने के लिए आम एवं लीची के बगीचों में नमी बनाये रखें। नमी की कमी होने से फलों में नुकसान हो सकता है अगर किसान भाई के बाग में विगत वर्षों में फल फटने की स्थिति देखने को मिली हो तो ऐसे किसान अपने बाग में चार ग्राम घुलनशील बोरान प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें जिससे आने वाले दिनों फल फटने के नुकसान से बच सकते है।
^अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इस कारण प्रचंड गर्मी रहने व लू चलने की संभावना है। तीन मई के बाद तापमान में गिरावट की संभावना है। वहीं 5 मई तक बारिश की संभावना नहीं है। इस मौसम में विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। – डॉ. ए सत्तार, मौसम वैज्ञानिक, डीआरपीसीएयू, पूसा