थाइलैंड के छोटे-बड़े बल्ब से सजा महाबोधि मंदिर:तीन दिन तक चलेगा बुद्ध जयंती समारोह
बुद्ध पूर्णिमा के मौके भगवान बुद्ध की जयंती मनाई जाएगी। बुद्ध जयंती समारोह तीन दिनों तक चलेगा। कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर करेंगे। इस मौके पर देश-विदेश से 10 हजार बौद्ध श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इनके ठहरने और खाने पीने और रहने की विशेष व्यवस्था कालचक्र मैदान में जोरशोर से की जा रही है।
समारोह की तैयारी अंतिम चरण में है। मन्दिर, मन्दिर परिसर और बोधगया को पंचशील पताकों और लाइटों से सजाया गया है। मन्दिर परिसर को सजाने के लिए थाईलैंड से बड़े छोटे बल्ब मंगवाए गए हैं। यह वहां की सरकार की ओर से भेजे जाते हैं। शाम ढलते ही महाबोधि मंदिर परिसर का नजारा खासा अद्भुत हो जाता है।
रंगबिरंगी झिलमिल रोशनी से महाबोधि मंदिर जगमग हो जाता है। महाबोधि मंदिर के बाहरी दीवार पर पड़ने वाली रोशनी एक तय अंतराल पर रंग बदलती है।
कालचक्र मैदान में बौद्ध श्रद्धालुओं के आवासन की व्यवस्था
कालचक्र मैदान में बौद्ध श्रद्धालुओं के आवासन की व्यवस्था की जा रही है। जर्मन टेंट लगाया गया है। ठंडा पानी के लिए वाटर कूलर, कूलर, पंखे और वाटर सप्लाई, बिजली, शौचालय की व्यवस्था की जा रही है। जिला प्रशासन और बीटीएमसी ने समारोह को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।डीएम और बीटीएमसी के पदेन अध्यक्ष डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि बुद्ध जयंती की तैयारी अंतिम चरण में है। भीषण गर्मी को देखते हुए श्रद्धालुओं के लिए ठोस व्यवस्था की जा रही है। हर चीज का बारिकी से मॉनिटरिंग कराई जा रही है। समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल होंगे। बुद्ध जयंती के दिन सुबह से लेकर शाम तक लगातार विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
बुद्ध पूर्णिमा क्यों हैं खास
बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। दूसरी खास बात यह कि बुद्ध पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और तीसरी महत्वपूर्ण बात कि बुद्ध पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। इस वर्ष 2648 साल जन्म दिवस का है। ज्ञान का 2631वां वर्ष है और महापरिनिर्वाण का 2568 वां साल है। इस मौके पर बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं को बीटीएमसी की ओर से चीवर दान किए जाएंगे।