मुजफ्फरपुर के लीची उत्पादक किसानों पास जल्द होगी खुद की प्रसंस्करण यूनिट,आय के स्रोत में होगी बढ़ोतरी
मुजफ्फरपुर के लीची उत्पादक किसानों की अब अपनी प्रसंस्करण यूनिट होगी। इससे उनकी बेहतर आमदनी होगी। लीची उत्पादक संघ की पहल पर यह यूनिट बंदरा के बड़गांव में लग रही है। इस यूनिट के निर्माण में विभाग का भी सहयोग मिल रहा है।
लीची उत्पादक किसान संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने बताया कि पहली बार लीची उत्पादक किसान अपनी यूनिट लगा रहे हैं। इससे आने वाले दिनों में इसका लाभ मिलेगा।कोशिश हो रही है कि लीची तुड़ाई के साथ यूनिट चालू की जाए। संघ अपने स्तर से इस यूनिट का संचालन करेगा। सरकार के स्तर पर यूनिट नहीं लगने के बाद संघ अब आगे आया है।
जानकारी के अनुसार, यूनिट की क्षमता 15 टन की होगी। इस यूनिट के निर्माण पर 75 लाख खर्च किए जाएंगे। इसमें पांच टन प्री कूलिंग यूनिट और 10 टन क्षमता वाली रेफर वैन यहां पर उपलब्ध होगी।
इस बार संघ बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई व दिल्ली के बाजारों में लीची भेजने की तैयारी कर रहा है। इसमें भारतीय निर्यात-आयात बैंक का सहयोग मिल रहा है।उन्होंने बताया कि बड़गांव के आसपास लीची के कई बड़े बाग हैं, इसलिए प्रसंस्करण यूनिट लगाने के लिए यहां पर स्थल का चयन किया गया है।
मालूम हो कि भारतीय निर्यात-आयात बैंक देश की सबसे बड़ी और अग्रणी निर्यात वित्त आधारित संस्था है, जो राष्ट्रीय आर्थिक विकास के साथ विदेशी व्यापार और निवेश को एकीकृत करने में लगा है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। वर्ष 1982 में इसकी स्थापना हुई थी।
दो वर्ष पहले आई थी बैंक की टीम
मिली जानकारी के अनुसार तीन वर्ष पहले राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी के सभागार में बिहार लीची उत्पादक संघ के बैनरतले लीची उत्पादकों, प्रसंस्करणकर्ताओं एवं लीची व्यापारियों की बैठक हुई थी।इसमें भारत आयात-निर्यात बैंक मुंबई के दो महाप्रबंधकों धर्मेंद्र सचर व लोकेश कुमार ने लीची निर्यात में सहयोग करने का वादा किया था। इसके बाद लीची उत्पादक संघ की बैठक में प्रसंस्करण यूनिट लगाने का मौका दिया गया।