“बरात के लिए गाड़ी नहीं भेजी तो बिहार मे बस एजेंसी पर लगाया 35 हजार का जुर्माना, जानिए पूरा माजरा
नवादा। Nawada News: जिला उपभोक्ता परितोष आयोग ने मुरारी एंड कृष्णा बस पर 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। फरियादी को पांच वर्ष के बाद न्याय मिला। फरियादी पकरीबरावां के सुरेंद्र कुमार, पिता स्व.परशुराम साव ने मुरारी एंड कृष्णा बस ट्रांसपोर्ट सर्विस पर सेवा में त्रुटि को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग में वाद लाया था।
शिकायतकर्ता सुरेंद्र कुमार ने 20 अक्टूबर 2020 को आयोग में अपना वाद दाखिल किया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि पकरीबरावां से झरिया तक छह दिसंबर 2019 को बरात ले जाने के लिए मुरारी एंड कृष्णा बस सर्विस से बस नंबर BR02PB 7266 की बुकिंग कराई थी। इसके लिए 27 हजार एक रुपए में बुकिंग की गई थी। बुकिंग के लिए दस हजार एक रुपए रुपए का एडवांस भी किया गया था।
शिकायतकर्ता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि छह दिसंबर 2019 को पकरीबरावां से झरिया के लिए 11 बजे दिन में बरात लेकर जाना था। और सात दिसंबर 2019 को सुबह में वापस पकरीबरावां बरात लेकर वापस आना था। लेकिन विपक्षी मुरारी एंड कृष्णा के बस मालिक से अनुरोध करने के बाद भी शाम चार बजे तक गाड़ी नहीं भेजा गया। बाद में परिवादी को जल्दबाजी में 12 हजार रुपए प्रति गाड़ी के हिसाब से आठ छोटी गाड़ियों को बरात जाने के लिए बुकिंग करना पड़ा।
जिसका कुल किराया 96 हजार रुपए याचिकाकर्ता सुरेंद्र कुमार को भुगतान करना पड़ा। देर से बरात ले जाने के कारण रास्ते में बरातियों के लिए अलग से नाश्ता व खाना आदि का भी इंतजाम करना पड़ा। इस मामले को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग में नुकसान की भरपाई के लिए अग्रिम भुगतान की राशि के लिए दस हज़ार, आठ छोटे गाडियों का भाड़ा 96 हजार, बराती के नाश्ता पर खर्च के लिए 10 हजार, बराती के बर्बाद हुए खाने का मूल्य 32 हज़ार और मानसिक व सामाजिक क्षति पूर्ति के लिए 50 हजार कुल मिलाकर 1 लाख 98 हजार का जिला उपभोक्ता आयोग में मुरारी एंड कृष्णा बस ट्रांसपोर्ट सर्विस के खिलाफ वाद लाया गया।
उपभोक्ता आयोग द्वारा लगाया गया जुर्माना
Nawada News: जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रघुपति सिंह और सदस्य मिथिलेश कुमार की बेंच ने आदेश पारित करते हुए कहा कि परिवादी को सामाजिक प्रतिष्ठा बचाने एवं आवश्यक विवाह संस्कार को ससमय पूरा करने के लिए जल्द बाजी में मुंह मांगी कीमत पर वाहन की व्यवस्था करनी पड़ी। इसके कारण परिवादी को आर्थिक क्षति हुई है।
कोर्ट ने परिवादी के प्रस्तुत बात को स्वीकार करते हुए विपक्षी पक्षकार को यह आदेश दिया कि परिवादी को अग्रिम भुगतान की राशि की 10 हजार रुपए अग्रिम भुगतान की तिथि 23 नवंबर 2019 से छह प्रतिशत साधारण ब्याज सहित मानसिक शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए 15 हजार रुपये और वाद खर्च के लिए पांच हजार रुपये समेत कुल मिलाकर 35 हजार रुपये जुर्माना के रूप में देने का आदेश पारित किया। यदि 60 दिनों के भीतर जुर्माना का भुगतान नहीं होता है तो 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।
इधर, इस पूरे मामले में बस एजेंसी के वकील के द्वारा कोर्ट को बताया गया कि बरात के लिए वाहन भेजने संबंधी बातचीत में यह तय हुआ था कि परिवादी द्वारा वाहन की तय राशि का भुगतान होने पर ही बरात के लिए गाड़ी भेजी जाएगी।जबकि परिवादी ने समय से पूरे रुपये नहीं दिए इसलिए वाहन को समय से नहीं भेजा गया