Sunday, December 29, 2024
DalsinghsaraiSamastipur

55 गांवों के लिए जीवनदायिनी बलान नदी के जीर्णोद्धार का मास्टर प्लान तैयार,जल्द ही संजीवनी मिलेगा

समस्तीपुर.मृतप्राय हो चुकी बलान नदी को जल्द ही संजीवनी मिलने वाली है। नदी की उड़ाही के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके अस्तित्व को बचाने के लिए 150 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। इसके लिए डीपीआर भी बनकर तैयार है। जलसंसाधन विभाग की टीम का सर्वे अंतिम चरण में है। मनरेगा से इसके किनारे पौधरोपण कर छोटे छोटे तालाब बनाकर जल संचयन का स्ट्रक्चर खड़ा करने की परियोजना को मंजूरी दी है।

अगले माह विभाग से अनुमति मिलते ही इसपर काम शुरू हो जाएगा। 90 के दशक का वह दौर जब बलान नदी की कल-कल करती धारा अपने आगोश में जल के साथ-साथ उपजाऊ मिट्टी लाकर उसके तट पर बसे लोगों के जीवन को खुशहाल बना देती थी। अब फिर से इसको वैसा ही बनाने की ​योजना पर काम हो रहा है। समस्तीपुर जिला स्थित सरायरंजन प्रखंड के अरमौली में नून व जमुआरी नदी के संगम से उत्पन्न होकर उजियारपुर, विद्यापतिनगर, दलसिंहसराय, बछवाड़ा होते बेगूसराय के नौला भीठ स्थित स्लुइस गेट तक जाकर बूढ़ी गंडक में समाहित होनेवाली यह नदी कुल 82 किलोमीटर का सफर तय करती है।

तकरीबन 55 गांवों की लाखों आबादी के लिए यह जीवनदायिनी बनकर उनका भरण-पोषण करती रही थी। लेकिन कालांतर में उपेक्षा व लोगों की लालच ने इसके अस्तित्व पर ही संकट खड़ा कर दिया। नदी की पेटी पानी की जगह गाद, जलकुंभी व कचरों ने से भर गया। दम तोड़ने के कगार पर पहुंच चुकी इस नदी में धीरे-धीरे पानी भी समाप्त होने लगा है। इसके किनारे सिंचाई के लिए लगी बोरिंग भी जबाव देने लगी है।

बिहार सरकार ने सूखी व मृतप्राय हो रही नदियों को पुनर्जीवित करने लिए मनरेगा की ओर से योजनाएं बनायी हैं। पहली कड़ी में राज्य की जिन दो दर्जन नदियों को जीवित करने का निर्णय लिया गया है उनमें समस्तीपुर के बलान, नून, जमुआरी, बैंती, चान्हा का भी नाम है। इसके लिए 6072 तैयार परियोजनाओं में नदियों के किनारे छोटे-छोटे तालाब बनेंगे व जल संचयन के लिए स्ट्रक्चर खड़े किये जायेंगे। वहीं, इन नदियों के किनारे तीन लाख 66 हजार पौधे भी लगाये जायेंगे।

^बलान नदी की गाद व जलकुंभी की उड़ाही के लिए सर्वे का कार्य चल रहा है। सरकार की अनुमति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। जहां भी जरूरत होगा, उन स्थानों पर चेक डैम का निर्माण कर उससे जुड़े पाइन और आहर के माध्यम से सिंचाई की भी सुविधा उपलब्ध होगी। – नवीन कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, बाढ़ प्रमंडल, दलसिंहसराय

विभागीय सूत्रों ने बताया कि बलान नदी के कुल 82 किलोमीटर एरिया में जमे गाद , जलकुंभी व कचरे की उड़ाही के लिए तकरीबन 150 करोड़ का डीपीआर सरकार को जल्द ही भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर इसकी सफाई की जाएगी। इससे दो जिलों की लाखों आबादी फिर से खुशहाल होगी और किसानों के चेहरे खिल उठेंगे। इसके लिए सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है।

Kunal Gupta
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