Monday, December 23, 2024
Patna

बाल ह्रदय योजना बनी जीवनदायिनी,84 बच्चों क़ो मिली ज़िन्दगी, 04 फिर अहमदाबाद क़ो रवाना

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल ह्रदय योजना राज्य के आर्थिक रूप से गरीब ह्रदय रोग से ग्रसित बच्चों के लिए जीवनदायिनी है। इसके तहत वैशाली जिले के विभिन्न प्रखंड की आरबीएसके टीम द्वारा 0 से 18 वर्ष के बच्चों का स्वास्थ्य जांच आंगनवाड़ी केंद्र और सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों मे जाकर किया जाता है। इसी का परिणाम है कि पूर्ण इलाज और जीने की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित बच्चे पूरी तरह स्वस्थ्य हो रहे है और बच्चों क़ो नया जीवन मिल रहा है, और उनके चेहरे पर नई मुस्कान आ रही हैं। अब तक 84 बच्चों का सफल ऑपरेशन हुआ है और उन्हें जीवनदान मिला है।

 

 

वहीं वैशाली जिला से बाल ह्रदय योजना अंतर्गत 4 बच्चों प्रिन्स कुमार – बिदुपुर, प्रकाश कुमार – हाजीपुर देवांश, राज – महुआ और सूरज कुमार – लालगंज प्रखंड से शुक्रवार क़ो श्री सत्य साईं ह्रदय अस्पताल अहमदाबाद सर्जरी हेतु, डॉ श्यामनंदन प्रसाद सिविल सर्जन वैशाली, डॉ कुमार मनोज जिला कार्यक्रम प्रबंधक वैशाली, श्रीमती निभा रानी सिन्हा डीसीएम वैशाली एवं डॉ शाइस्ता, डीइआईसी मैनेजर कम कोऑर्डिनेटर आरबीएसके की उपस्थिति मे जिला स्वास्थ्य समिति, वैशाली से 102 एम्बुलेंस के माध्यम से राज्य स्वास्थ्य समिति पटना और फिर पटना एयरपोर्ट के लिए शुभकामनाओं के साथ रवाना किया गया।
आरबीएसके के डीइआईसी प्रबंधक-सह-समन्वयक डॉ शाइस्ता इब्राहिम जिलानी ने बताया कि जन्मजात रोगों मे ह्रदय मे छेद होना एक गंभीर समस्या है जिसका निदान ससमय नही किया गया तो बच्चे कि जान भी जा सकती है।

 

 

यह जन्मजात बीमारी गर्भवस्था के पहले 3 माह मे फोलिक एसिड के गोली नही लेने के वजह से होती हैं। जिसकी जागरूकता अभी तक बहुत सारी गर्भवती महिलाओं को नही हैं और बच्चों मे दिल मे छेद के साथ-साथ और बहुत सारी बीमारी जैसे के न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, क्लब फुट, क्लीफ़्ट लिप और पैलेट, जैसी बीमारिया भी हैं, लेकिन इन सब बीमारियों का इलाज संभव हैं। आरबीएसके कार्यक्रम के तहत पीड़ित बच्चे का बाल ह्रदय योजना के तहत निःशुल्क इलाज कराया जाता है। बच्चे और अभिभावक के हवाई जहाज से आने- जाने, रहने और खाने-पीने का खर्च सरकार वहन करती है।

Kunal Gupta
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