Monday, November 25, 2024
Samastipur

“डॉ.राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में लीची महोत्सव,लीची उत्पादक सहकारी समिति का भी गठन होगा

समस्तीपुर में डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के विद्यापति सभागार में गुरुवार को द्वितीय लीची महोत्सव का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन आगत अतिथियों ने दीप जलाकर किया।मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे ICAR नई दिल्ली के फॉर्मर डीडीजी( हार्टिकल्चर) डॉ.एनके कृष्ण कुमार ने कहा कि लीची महोत्सव का आयोजन पूसा विश्वविद्यालय में डॉ. पांडेय के कुलपति बनने के बाद से किया जा रहा है। यह काफी सराहनीय पहल है।

लीची महोत्सव के दौरान अतिथि
उन्होंने कहा कि लीची उत्पादक किसानों को लीची का सही दाम मिले इसको लेकर भी प्रयास किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अनार उत्पादक संघ और अंगूर उत्पादक संघ की तरह सहकारी समितियों को बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की समितियों के साथ सरकार को भी मिल बैठकर विचार करना चाहिए। ताकि किसानों की समस्याओं को दूर किया जा सके।

उन्होंने कहा कि लीची का उत्पादन जलवायु और क्षेत्र के भौगोलिक बनावट पर निर्भर करता है। पूसा विवि के कुलपति डॉ.पीएस पांडेय ने कहा कि लीची बिहार की शान है। इस क्षेत्र के लीची का स्वाद काफी उमदा होता है। उन्होंने कहा कि लीची के फलों की पैकेजिंग कैसे की जाए और इसे लंबे समय तक कैसे सुरक्षित रखा जाए। इस विषय पर कृषि वैज्ञानिकों को शोध करने की जरूरत है। कुलपति ने लीची के प्रभेदो की पहचान करने, लीची का प्रसंस्करण, मूल्य वर्धन आदि से जुड़े विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की।

पैक की गई लीची पर करें रिसर्च

कुलपति ने कहा कि लीची के वैल्यू एडिशन को बढ़ाने के साथ-साथ इसके हार्वेस्टिंग और पैकेजिंग के विषय पर भी नवीनतम अनुसंधान करने की जरूरत है। उन्होंने लीची के विभिन्न उत्पाद जैसे लीची से बनाए जाने वाले रसगुल्ले, लीची के जैम, सूखा लीची, लिचमिश आदि जैसे विभिन्न प्रोडक्ट को तैयार कर इसका वैल्यू एडिशन करने पर भी विस्तार से बल दिया।

उन्होंने कहा कि आज केंद्रीय कृषि विवि पूसा में देश के लगभग तमाम राज्यों के छात्र अध्ययनरत हैं। उन्होंने अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से कहा कि आप जब भी अपने-अपने घर को जाएं तो यहां से आम और लीची के विभिन्न किस्मों के पौधों को जरूर ले जाएं। वहां उसे अपने घर के आसपास और खेतों में अवश्य लगाएं।

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के निदेशक डॉ. विकास दास ने कहा कि कृषक उत्पादक समूह से जुड़कर लीची का विपणन करके किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। स्नातकोत्तर कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. मयंक राय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि कुलपति के अगुवाई में दूसरी बार लीची महोत्सव मनाया जा रहा है। पूर्व प्रो. डॉ. पीके राय ने लीची के उत्पत्ति विषय पर अपनी बातों को रखा।

अतिथियों ने किया स्टॉल का निरीक्षण

कार्यक्रम के उद्घाटन से पूर्व मुख्य अतिथि और कुलपति ने विद्यापति सभागार के परिसर में स्टॉल लगाकर रखे गए लीची के विभिन्न प्रभेदों के फल, लीची से बने उत्पाद आदि का अवलोकन किया। उन्होंने स्टॉल पर मौजूद छात्र-छात्राओं से लीची के प्रभेद और उससे बने उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी भी ली।कार्यक्रम का संचालन शिवानी तिवारी और शांभवी कुमारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.उदित कुमार ने किया। मौके पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एम एस कुंडू, डॉ. रमण त्रिवेदी, डॉ. डॉ. डी के रॉय, अधिष्ठाता डॉ. अंबरीश कुमार, डॉ. उषा सिंह, कुलसचिव डॉ. मृत्युंजय कुमार आदि मौजूद थे।

Kunal Gupta
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