कमाल का ‘क्विक वॉटरिंग सिस्टम’, ट्रेन आते ही 10 मिनट में 24 कोच लबालब हो जायेगा
समस्तीपुर। Railway Quick Watering System रेलवे प्लेटफॉर्म पर ट्रेन आते ही मोबाइल से स्विच ऑन और 10 मिनट में 24 कोच की पूरी ट्रेन में जलापूर्ति का काम पूरा होगा। एक बूंद पानी नष्ट नहीं और समय की भी बचत होगी। यह बंदोबस्त रेल मंडल के समस्तीपुर, सहरसा और सीतामढ़ी स्टेशन पर होने जा रही है। जबकि, दरभंगा, जयनगर एवं नरकटियागंज में इसकी सुविधा मिल रही है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में रेलवे द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उक्त जानकारी पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने दी। इस सिस्टम को स्मार्ट फोन से कनेक्ट किया गया है। इससे पर्यवेक्षकों के साथ-साथ कर्मचारियों की भाग दौड़ कम होगी।इससे न केवल पानी की बचत होगी बल्कि पानी भरने के लिए लगने वाले 20 से 25 मिनट के बजाए 10 मिनट में ही काम पूरा होगा। समस्तीपुर जंक्शन होकर राजधानी, वैशाली सुपरफास्ट, बिहार संपर्क क्रांति, स्वतंत्रता सेनानी, पवन एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों का परिचालन होता है।
पानी की बर्बादी पर नियंत्रण के लिए रेलवे की अच्छी पहल
ट्रेनों के कोचों में त्वरित रूप से पानी भरने हेतु त्वरित जल प्रणाली का प्रयोग किया जा रहा है। स्टेशन पर ट्रेनों के न्यूनतम दस मिनट तक ठहराव होने पर ट्रेनों में पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु त्वरित जल प्रणाली बहुत ही उपयोगी संयंत्र है।
त्वरित जल प्रणाली की डिस्चार्ज दर अधिकतम 200 लीटर प्रति मिनट है, जिसे आवश्यकतानुसार समायोजित किया जा सकता है। त्वरित जल प्रणाली के उपयोग से न केवल पानी की बर्बादी पर नियंत्रण हो पाया है बल्कि काफी कम समय में ट्रेन के कोचों में पानी भरा जा रहा है। पानी की बर्बादी पर रोक लगने से जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में यह प्रणाली काफी उपयोगी साबित हो रही है।
ट्रेनों के समय पालन में सुधार को भी होगा सहायक कदम
त्वरित जल प्रणाली में तीन उच्च दबाव वाले पंप शामिल हैं जो प्लेटफॉर्म पर हाइड्रेंट को पानी की आपूर्ति करते हैं। इस संयंत्र के संचालन के लिए इसमें अग्रिम स्वचालन और नियंत्रण प्रणाली भी है। जिसमें पंपों की क्रमिक शुरूआत के साथ-साथ प्रत्येक पंप के लिए परिवर्तनशील गति नियंत्रण शामिल है।इस सिस्टम का कंट्रोल रिमोट ऑपरेशन के लिए मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है। इससे ट्रेनों में पानी भरने में लगने वाला समय पहले की व्यवस्था की तुलना में काफी कम हो गया है। इससे मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के समय पालन में सुधार में भी सहायक है।