Monday, October 28, 2024
BegusaraiPatna

“एक साथ उठी 5 अर्थी,बेगूसराय में गंगा नदी में डूबे थे 5 युवक, हुआ अंतिम संस्कार,बिना डिमांड डोम राजा ने दी अग्नि

बेगूसराय के फुलवरिया थाना क्षेत्र का फुलवरिया कुम्हार टोली मोहल्ला, जहां कल हर्ष और उल्लास का माहौल था। मुंडन के गीत बज रहे थे, लेकिन कुछ ही घंटे में वहां सन्नाटा पसरा हुआ है। गमगीन माहौल में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है, आज वहां से एक साथ पांच युवकों की अर्थी उठी तो चीत्कार मच गया।

चार परिवार के इन पांच युवकों को ना सिर्फ अभी दुनिया देखना बाकी थी, बल्कि यह सभी अपने परिवार के भरण पोषण के एकमात्र साधन थे। कल स्थानीय निवासी राजू साह के बेटे का सिमरिया गंगा घाट पर मुंडन था। सुबह में हर्ष और उल्लास के साथ मुंडन के गीत गाए जा रहे थे, सभी लोग उत्साहित थे। इसी बीच राजू साह की पत्नी अचानक थरथराते हुए बोलना शुरू कर दिया कि मत करो मुंडन, मेरे वंश में गंगा घाट पर मुंडन अच्छा नहीं होता है, लोगों ने उसकी बात नहीं मानी और दो बस से भरकर 100 से अधिक लोग सिमरिया घाट पर मुंडन के लिए गए थे। घाट किनारे मुंडन के गीत गाए जा रहे थे, पंडित जी पूजा करवा रहे थे, तभी छह युवक गंगा नदी में स्नान करने चले गए। गर्मी का मौसम और वहां चल रहे निर्माण के कारण नदी के पानी का गहराई का किसी को पता नहीं चला।

इसी दौरान चंदन राम का पुत्र अंशु कुमार जब डूबने लगा तो उसे बचाने के लिए पांच युवक दौड़ गए, इसके बाद अंशु को तो बचा लिया गया। लेकिन चंदन राम के पुत्र कर्तव्य कुमार, स्व. सोनू साह के पुत्र रोहित कुमार एवं बाबू साहेब, प्रकाश शंकर मिश्रा के पुत्र नमो नारायण उर्फ ओम मिश्रा एवं अधिक साह के पुत्र अजय कुमार डूब गए। थोड़ी देर बाद जब लोगों ने हल्ला मचाया तो मछुआरे पानी में कूद पड़े और काफी खोजबीन के बाद पांचों शव को निकाला गया।

एक साथ पांच शव पहुंचने से माहौल गमगीन

एक घंटे के अधिक की अफरातफरी के बाद भी वहां तैनात एसडीआरएफ की टीम को घटना का पता नहीं चला और सभी पंचायत भवन में सोते रहे। वहां से शव पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया। लेकिन पुलिस द्वारा रिक्वेस्ट भरने में देर किए जाने के कारण कल किसी का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। आज पोस्टमार्टम के बाद जब पांचों युवकों का शव एक साथ गांव पहुंचा तो मोहल्ले में कोहराम मच गया।

मौके पर परिजनों के साथ-साथ सैकड़ो लोगों के करुण चित्कार से माहौल पूरी तरह से गमगीन हो गया। इसके बाद आनन-फानन में तुरंत सभी शव को एक साथ चार ट्रैक्टर पर लोड कर अयोध्या गंगा घाट ले जाया गया, जहां अंतिम संस्कार किया गया है। अयोध्या गंगा घाट की हालत भी गमगीन रही, पांच शव एक साथ उतारे जाने से घाट किनारे रहने वाले लोग भी गमगीन थे। घाट पर अंतिम संस्कार से पहले टैक्स लेने वाले डोम राजा प्रकाश भी अग्नि देने में सौदेबाजी करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। जिनके परिजनों ने जो दिया उसे चुपचाप जेब में रखकर अंतिम संस्कार के लिए अग्नि दे दी। पांच युवकों की एक साथ हुई मौत ने लोगों को झकझोर दिया है। लोग कुछ दिन में इस घटना को भूल जाएंगे, लेकिन यह घटना परिवार के लिए जिंदगी भर दुखदाई साबित होगा। क्योंकि मृतक पांच में से चार अपने परिवार के भरण पोषण के एकमात्र साधन थे। अब इन परिवारों का भरण पोषण कैसे होगा, यह मुहल्ले के लोगों के लिए भी यक्ष प्रश्न है।

सदम में है नमो नारायण का परिवार

प्रकाश शंकर मिश्रा के बेटे नमो नारायण (21) उर्फ ओम ने मात्र नवम वर्ग तक की वर्ग तक की पढ़ाई की थी। उसके पिता आयुर्वेदिक वैद्य थे, लेकिन बड़े-बड़े अस्पताल के युग में जब उनका काम धंधा बंद हो गया तो नमो ने पढ़ाई छोड़ दी और कुछ-कुछ काम करने लगा। पिछले साल ही उसने बरौनी में खुले पेप्सी प्लांट में काम करना शुरू किया था। उससे मिलने वाले 16 हजार सैलरी से ही परिवार का भरण पोषण हो रहा था। हालात यह है कि प्रकाश शंकर मिश्रा और उनके परिवार पूरी तरह से सदमा में चला गया है। कोई कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है, आखिर अब उनका परिवार चलेगा कैसे।

पहले पति की मौत, फि दो बेटों की गई जान

इस दुखद हादसे में स्वर्गीय सोनू साह के पुत्र रोहित कुमार एवं बाबू साहेब की मौत ने परिवार पर बड़ा आघात किया है। सोनू साह की मौत करीब 5 वर्ष पहले बीमारी से हो गई थी। इसके बाद रोहित ही अपने भाई बाबू साहब, मोहित और मां रिंकू देवी का भरण पोषण मजदूरी करके चलाता था। बाबू साहब भी जब कुछ बड़ा हुआ तो 5-6 महीना से वह भी मजदूरी करने लगा था। तीनों भाई अपने मां के साथ राजू साह के किराए के मकान मजदूरी कर खुशी पूर्वक रह रहे थे, लेकिन किसी को कहां पता था कि विधवा रिंकू देवी पर पति की मौत के पांच साल बाद एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा और उनके दो पुत्रों की हादसे में मौत हो जाएगी।

ट्रेन में बेड रोल करता था कर्तव्य कुमार

तीसरे मृतक चंदन राम के पुत्र कर्तव्य कुमार के घर भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। कर्तव्य दो भाइयों में बड़ा था, इस हादसे में उसने अपने भाई अंशु कुमार को तो बचा लिया, लेकिन मोहल्ले के चार दोस्तों के साथ खुद को मौत के गले लगा दिया। कर्तव्य के पिता चंदन बाहर मजदूरी करते हैं, जबकि वह खुद बरौनी जंक्शन से खुलने वाले ट्रेन में ठेकेदार की अधीन रहकर बेड रोल का काम करता था। कल वह छुट्टी लेकर पड़ोसी के मुंडन संस्कार में शामिल हुआ था। उसकी मां राधा देवी को कहां पता था कि अब बेटा कभी लौटकर नहीं आएगा। इस परिवार के समक्ष भी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।

घर में मां और दो भाई को छोड़ गया अजय

पांचवें मृतक अजय कुमार के घर की स्थिति तो और भी दयनीय है। वह एकमात्र कर्ता-धर्ता था। घर में मां और दो भाई उसी के सहारे अपनी रोटी खाते थे, किसी तरह जिंदगी गुजारते थे। लेकिन कल हुए इस दुखद हादसे में अजय की मौत के बाद घर में कोहराम मचा हुआ है। मां एवं भाई कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं हैं। फिलहाल एक ही मोहल्ले के पांच युवाओं की मौत से हर कोई सदमे में है। पांचों का अंतिम संस्कार भले ही अयोध्या घाट पर कर दिया गया। लेकिन इस सभी के परिवार की जो स्थिति है उसे देखते हुए मोहल्ले के लोग भी काफी गमगीन हैं। प्रशासनिक स्तर पर सभी को आपदा कोष से मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है।

Kunal Gupta
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