जिंदगी की गाड़ी ट्रिक से नहीं बल्कि पति-पत्नी के सामंजस्य से चलती,नाट्य महोत्सव मे कलाकारों ने दिखाया..
पटना।नौबतपुर।संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से शशि फाउंडेशन, पटना द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय नौबतपुर नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन हिंदी रंगमंच दिवस पर संगोष्ठी और नाटक ट्रिक का मंचन हुआ। संगोष्ठी का विषय था ग्रामीण रंगमंच का भारतीय रंगमंच पर प्रभाव। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध रंग निर्देशक अभिनेता विजय कुमार, वरिष्ठ रंगकर्मी और बिहार संगीत नाटक अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार त्रिपाठी और रंगकर्मी धर्मेश मेहता ने ग्रामीण रंगमंच की महत्ता पर प्रकाश डाला।
अभिनेता विजय कुमार ने कहा कि ग्रामीण रंगमंच ने हिंदी रंगमंच को विस्तृत आयाम दिया है। वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद त्रिपाठी को ग्रामीण रंगमंच में विशेष योगदान के लिए प्रो. टीएन शर्मा स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। मौके पर पत्रकारिता के लिए जितेंद्र शर्मा और संतोष चंचल को सम्मानित किया गया।
माध्यम फाउंडेशन, पटना की ओर से प्रेमचंद की कहानी पर आधारित नाटक ट्रिक का मंचन धर्मेश मेहता के निर्देशन में हुआ। पारिवारिक जीवन शैली पर आधारित नाटक ट्रिक में यह दर्शाया गया कि जिंदगी की गाड़ी किसी ट्रिक से नहीं बल्कि पति-पत्नी के आपसी सामंजस्य से चलती है।
कलाकारों में धर्मेश मेहता (मुंशी), राकेश कुमार (बाबू लाल), सोनल कुमारी, रोशनी कुमारी (रामेश्वरी), डॉ. रवीन्द्र कुमार चंद्र, सौरभ सिंह, अभिषेक कुमार, रणधीर सिंह, गौतम कुमार निराला, मो. सदरुद्दीन, मनोज मयंक, मीना देवी, गुड्डी कुमारी, कंचन वर्मा, काजल कुमारी आदि शामिल थे। संस्था के सचिव हौबिन्स कुमार ने बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन गुरुवार को नाटक मीरा का मंचन और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है।