2 हजार के नोट 50% कमीशन पर बदल रहे थे:पटना में इंटेलिजेंस-पुलिस ने छापा मारकर गिरोह को पकड़ा
पटना में 2 हजार रुपए के नोट 50% कमीशन लेकर बदलने वालों का गिरोह पकड़ा गया है। लखनऊ आर्मी इंटेलिजेंस की टीम और बिहार पुलिस ने पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन के पास पाटलिपुत्र हैरिटेज अपार्टमेंट के फ्लैट 208 पर छापा मारा। यहां से 9.74 लाख रुपए के 2 हजार के पुराने नोट बरामद हुए हैं। यहां पांच करोड़ रुपए के नोट बदलने की डील हुई थी।छापे में 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है। आरोपियों से 2 कार और 14 मोबाइल भी जब्त किया गया है। यह गिरोह पश्चिम बंगाल, ओडिशा और हरियाणा में सक्रिय था।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मार्च 2023 को 2000 के नोट वापस लेने का ऐलान किया था। नोट बैंक में वापस करने की आखिरी तारीख 7 अक्टूबर थी। 1 अप्रैल 2024 को जारी RBI की प्रेस नोट के अनुसार, 2000 रुपए के 97.69% नोट वापस आ गए हैं। अभी 2.31% नोट लोगों के पास है, जिसकी वैल्यू 8,202 करोड़ रुपए है।दानापुर एएसपी दीक्षा ने हिरासत में लिए लोगों से पूछताछ की। हिरासत में लिए गए परवीन ने बताया की ये रुपए तारनपुर पटना के रहने वाले विपिन और सोनू नाम के व्यक्तियों के हैं। ये दोनों फरार हैं।
3 से 4 राज्यों में फैला हो सकता है नेटवर्क
पुलिस ने बताया कि इन लोगों के मोबाइल देखकर लग रहा है कि गिरोह पश्चिम बंगाल के कोलकाता, हरियाणा, ओडिशा आदि राज्यों में भी काम कर रहा था। पटना में 25 से 50 फीसदी कमीशन पर नोट बदलने का काम चल रहा था। इस काम में आरबीआई के कुछ कर्मचारियों के शामिल होने की जानकारी मिल रही है। पटना के कुछ अन्य लोगों भी इससे जुड़े हैं। इसकी जांच की जा रही है।
RBI ने 19 मई 2023 में बंद करने का ऐलान किया था
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया। RBI ने 30 सितंबर तक ऐसे नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा था। हालांकि बाद में RBI ने तारीख 7 अक्टूबर 2023 तक बढ़ा थी।
2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद 2000 का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया था। इनकी जगह नए पैटर्न में 500 और 2000 रुपए के नोट जारी किए गए थे। हालांकि RBI साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर चुका है। वहीं 2021-22 में 38 करोड़ वेल्यू के 2000 के नोट नष्ट किए गए थे।
नोट वापस लेने का फैसला RBI ने क्यों किया?
‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है। ‘क्लीन नोट पॉलिसी में लोगों से गुजारिश कि गई है कि वह करेंसी नोट्स पर कुछ भी न लिखें, क्योंकि ऐसा करने से उनका रंग-रूप बिगड़ जाता है और लाइफ भी कम हो जाती है। लोगों को लेन-देन में अच्छी क्वालिटी के बैंक नोट (पेपर करेंसी) मिलें इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्लीन नोट पॉलिसी लागू की गई है।