“रिया ने इंडियन नेवी का एग्जाम किया क्लियर,नक्सली इलाके से आती है रिया कुमार,पिता करते हैं मजदूरी
पटना।गया में एक मजदूर की बेटी ने इंडियन नेवी का एग्जाम क्लियर कर मैकनिकल इंजीनियर की पढ़ाई के लिए महाराष्ट्र के लोनावला जा रही हैं। चनाचूर नमकीन फैक्ट्री में पैकिंग का काम करने वाले परिवार के निरंजन सिंह की बेटी रिया कुमारी(19) जैसे ही घर लौटी परिवार में खुशी है। परिजनों ने घर पर सत्यनारायण पूजा करवाया।रिया माता-पिता की गरीबी देखकर भाई-बहनों में बड़ी होने के नाते दिन-रात पढ़ाई और मेहनत कर यह मुकाम हासिल की है। रिया का घर गया के नक्सल प्रभावित इलाका गुरुआ प्रखंड के बरमा गांव में है।
इंडियन नेवी बनकर लौटी साधारण परिवार की रिया।
रिया कुमारी एक भाई और एक बहन है, जिनमें भाई शुभम छोटा है। ऐसे में परिवार के लिए मार्गदर्शक के साथ घर की माली हालत देखकर प्रेरणास्त्रोत की भी जिम्मेदारी रिया के कंधों पर थी। पिता निरंजन कुमार पश्चिम बंगाल के कोलकाता में चकनाचूर पैकिंग का काम करते हैं। वहीं, मां रेखा देवी गृहणी हैं। भाई 9वीं कक्षा का छात्र है।
सत्यनारायण पूजा करती रिया कुमारी।
रिया के घर की माली हालत ठीक नहीं है। रिया ने घर में मां-पिता की स्थिति देख खूब मन लगाकर पढ़ाई किया। इसके लिए गुरुआ बजार से +2 कन्या उच्च विद्यालय से मैट्रिक और आईएससी पास की। फिर नौकर की चाह में गुरुआ में ही नीजी कोचिंग में पढ़ाई शुरू किया।रिया बताती हैं कि मेरा नेवी में सलेक्शन होने का सारा श्रेय सबसे पहले मेरे माता-पिता को जाता है। जिन्होंने मुझे घर की स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी पढ़ने लिखने से कभी नहीं रोका, बल्कि मुझे और हिम्मत दी। फिर मेरे कोचिंग के टीचर्स का भी योगदान रहा, जिन्होंने बेहतर मार्गदर्शन दिया।
रिया और सोनम को कोचिंग के शिक्षक किए सम्मानित।
इसके अलावा बरमा गांव की दो और बेटियों का इंडियन नेवी में सिलेक्शन हुआ जो रिया के साथ ही तैयारी करती थीं। इनमें सोनम कुमारी पिता मुकेश सिंह, स्वाति कुमारी पिता विकास सिंह रिश्ते में दोनों चचेरी बहनें हैं। हालांकि, उनके घर की स्थिति ठीक है। लेकिन उनका सपना था कि वह मर्चेंट नेवी में जाकर देश की सेवा करें।