दलसिंहसराय:भागवत कथा का आयोजन, श्रीअनुराग ने कहा मित्रता में गरीबी और अमीरी नहीं देखनी चाहिए
दलसिंहसराय,शहर के लोकनाथपुर गंज मोहल्ले में चल रहे भागवत कथा के के दौरान गुरुवार को कथावाचक वृद्नवन से आए पंडित श्रीअनुराग कृष्ण महराज जी उर्फ पगड़ी वाले बाबा ने सुदामा चरित्र का वर्णन किया.उन्होंने कहा कि मित्रता में गरीबी और अमीरी नहीं देखनी चाहिए.मित्र एक दूसरे का पूरक होता है.भगवान कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र सुदामा की गरीबी को देखकर रोते हुए अपने राज सिंहासन पर बैठाया और उन्हें उलाहना दिया कि जब गरीबी में रह रहे थे तो अपने मित्र के पास तो आ सकते थे,लेकिन सुदामा ने मित्रता को सर्वोपरि मानते हुए श्रीकृष्ण से कुछ नहीं मांगा.
उन्होंने बताया कि सुदामा चरित्र हमें जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करने की सीख देता है.सुदामा ने भगवान के पास होते हुए अपने लिए कुछ नहीं मांगा.अर्थात निस्वार्थ समर्पण ही असली मित्रता है.कथा के बीच-बीच में भजनों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य भी किया. इस दौरान बड़ी संख्या में महिला पुरुष श्रोता मौजूद थे. भागवत में बताए उपदेशों उच्च आदर्शों को जीवन में ढालने से मानव जीवन जीने का उद्देश्य सफल हो जाता है.
सुदामा चरित्र के प्रसंग में कहा कि अपने मित्र का विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाना ही मित्रता का सच्चा धर्म है.मित्र वह है जो अपने मित्र को सही दिशा प्रदान करे,जो कि मित्र की गलती पर उसे रोके और सही राह पर उसका सहयोग दे.इस दौरान वृद्धवन के श्रीनिवास शास्त्री ,प्रधान यजमान , गौरी शंकर,दीपक पासवान, सुजीत कुमार, टोनी,मुन्नू, हरी कुमार, नीरज कुमार, नीरज, विकास, शंभू साह आदि मौजूद थे.