BPSC शिक्षक ने किया बिना दहेज शादी,दुनिया के सबसे ऊंची शिव मंदिर में लिया सात फेरे,लोगों ने दिया बधाई
पटना.मोतीहारी:bpsc :सरकारी नौकरी और बिना तिलक दहेज का शादी अविश्वनीय लगता है। यह अविश्वनीय कार्य करके दिखाया है पूर्वी चंपारण, पकड़ीदयाल थाना, सिरहा गाँव निवासी मुन्ना कुमार ने। मुन्ना कुमार बीपीएसी द्वारा आयोजित प्रथम चरण में +2 ,कंप्युटर शिक्षक के रूप में चयनित हुए और उच्च माध्यमिक विद्यालय ,राजेपुर मेहसी ब्लॉक में पदस्थापित हुए। शिक्षक की नौकरी लगते ही शादी हेतु अनेक प्रस्ताव आने शुरू हुए जिसमें भारी भरकम दहेज देने का भी प्रस्ताव रहता लेकिन मुन्ना कुमार बिना दहेज के ही शादी करना चाहते थे। लड़की वालों को यह बात पसंद नहीं आती और लगता कि बिना तिलक दहेज शादी से सामाजिक प्रतिष्ठा कम हो जाएगी। दहेज के रूप में 15 लाख से लाकर 40 लाख और चार पहिया वाहन का प्रस्ताव आया।
बताते चले कि मुन्ना कुमार मोतीहारी विधानसभा से विधायक प्रत्यासी से रह चुके है। समाज को सुदृढ़ करने और शैक्षणिक सुधार हेतु हेतु विधायक का चुनाव लड़े ,असफल रहे लेकिन बीपीएसी शिक्षक नियुक्ति में कंप्युटर विज्ञान से परीक्षा दिए और सफल रहे। ख्वाब फाउंडेशन की स्थापना कर लगातार समाजसेवा में अपनी सक्रिय योगदान देते रहे। मुन्ना कुमार लगातार 13 वर्षों से सामाजिक और राजनीनिक रूप से सक्रिय रहे है और अन्तराष्ट्रिय पटल पर कई बार देश का नेतृत्व किये है। मोटवेशनल वक्ता और यूथ आइकान के रूप में प्रसिद्ध मुन्ना कुमार ने सैकड़ों युवाओं को लक्ष्य हासिल करवाकर मंजिल तक पहुंचा चुके है। दर्जनों देश की यात्रा कर चुके मुन्ना कुमार ने दहेज के विरुद्ध अभियान भी छेड़े जिसको लेकर कई बिना दहेज शादी कर चुके है। मुन्ना कुमार की एकमात्र बहन को दहेज दरिंदो ने जलाकर मार दिया था जिसका असर मुन्ना कुमार पर पड़ा और तब से दहेज के विरुद्ध कार्य कर रहे है। सामाजिक योगदान को लेकर दो दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रिय अवॉर्ड मिल चुका है।
वही नारी सशक्तिकरण पर बिहार के सभी 38 जिला में साइकिल से अकेले यात्रा करने वाली साइकिल गर्ल से प्रसिद्ध अर्पणा सिन्हा ने बिना दहेज शादी कर अपने लक्ष्य को हासिल किया। अकेले अपनी आवाज को बुलंद करने हेतु अकेले काठमांडू तक साइकिल यात्रा कर चुकी है तो वही दक्षिण भारत के कई शहरों का साइकिल से दौरा कर चुकी है । अर्पणा सिन्हा पर्वतारोही रही है और बिना दहेज ही किसी ऊंची पहाड़ पर करना चाहती थी जिसको साकार रूप दिया मुन्ना कुमार ने। दोनों परिवार के सहमति से दुनिया के सबसे ऊंची शिव मंदिर उतराखंड अवस्थित “तुंगनाथ मंदिर” में बिना किसी तामझाम और तिलक-दहेज के शादी सम्पन्न कर एक अनोखा कदम बढ़ाया। दुनिया के सबसे ऊंची शिव मंदिर में इस तरह की शादी करने वाले पहला दंपति बने। मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल 5-6 घंटे लगे और बर्फ से ढकी मंदिर के गेट पर वरमाला पहनाकर एक दूसरे के हो गए। लड़की के तरफ से लड़की के बड़े भाई विक्रम कुमार उपस्थित रहे तो वही अमित कुशवाहा, मनीष कुशवाहा साक्षी के तौर पर उपस्थित रहे। दहेज के विरोध उठाया गया यह कदम आने वाले समय में युवाओं को इस कुरीति के विरुद्ध आवाज उठाने हेतु प्रेरणा प्रदान करेगी। बीपीएससी शिक्षक के इस कदम की चारों तरफ सराहना मिल रहा है.