Saturday, November 30, 2024
Begusarai

बेगूसराय पहुंचे एकल साइकिल यात्रा पर निकले पद्मश्री प्रोफेसर, कहा- बिजली के दुरुपयोग को बचाना होगा

बेगूसराय.पूरे भारत में एकल साइकिल यात्रा पर निकले आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर एमेरिटस एवं स्पिक मके के संस्थापक पद्मश्री प्रो. किरण सेठ 13 हजार किलोमीटर की यात्रा कर आज बेगूसराय पहुंचे। जहां कि साइकिल रोकते ही उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।इस अवसर उन्होंने भारद्वाज गुरुकुल में सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और छात्र-छात्राओं से संवाद किया। उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी चीज छोटी-छोटी बातों में छुपी हुई है। हर चीज में बचत जरूरी है। आज लोग बिजली का दुरुपयोग कर रहे हैं, इसे बचाना होगा।

 

 

संवाद कार्यक्रम में किरण सेठ

पूरे विश्व में पानी का लेवल लगातार नीचे जा रहा है और हम पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं। जबकि सबको पता है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा। आज लोग भोज ही नहीं, अपने घर की थाली में भी खाना छोड़ देते हैं, वह बर्बाद हो जाता है, इस आदत को बदलना होगा।उन्होंने कहा कि मैंने अपनी साइकिल यात्रा के दौरान साफ-सफाई की स्थिति बदतर देखा है। गंदगी कहां पर फेंकना है, इसका ख्याल रखें, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है। बच्चे ही नहीं युवा भी इसे जीवन का मोटो बनाएं।

 

 

किरण सेठ का स्वागत

एकाग्रता और लक्ष्य साधना बहुत जरूरी है और इस दोनों के लिए शास्त्रीय संगीत की ओर जाना होगा। आज के 99 प्रतिशत लोगों का मन बंदर की तरह चंचल है। यह बंदर रूपी मन लोगों के ऊपर हावी है। शास्त्रीय संगीत गाना नहीं, बल्कि अंतर्मन की शक्ति है। लेकिन, शास्त्रीय संगीत का बेतिया घराना खत्म हो गया, दरभंगा घराना की भी हालत दयनीय है, इस पर विचार करना होगा।

 

उन्होंने बेगूसराय के स्कूल संचालकों से अनुरोध किया कि जब बच्चे स्कूल आ रहे हैं तो उस समय भीमसेन जोशी का राग भैरव जरूर बजाएं। सुबह में राग भैरव और रात के समय राग मुल्तानी सुनना बहुत जरूरी है। विषय प्रवेश कराते हुए शिव प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि समाज में आज आदर्श की कमी है। ऐसे दौड़ में क्लासिकल को कोसने वालों को पद्मश्री प्रो. किरण सेठ से प्रेरणा लेनी चाहिए।उन्होंने कहा कि किरण सेठ ने पिछले वर्ष ही कश्मीर से कन्याकुमारी तक की साइकिल यात्रा अकेले पूरी कर ली। उसी यात्रा को विस्तार देते हुए देश के पूर्वोत्तर राज्यों से होते हुए बिहार की यात्रा पर हैं। सादा जीवन उच्च विचार के वाहक किरण सेठ भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं कला को हर भारतीय बच्चे एवं युवा तक पहुंचाने के लिए 1977 से प्रयासरत हैं।

 

देश के हजारों संस्थान में हर वर्ष स्पिक मके के सहयोग से भारत के उम्दा कलाकारों की प्रस्तुति होती है। भारतीयता के संरक्षण में लगे इस महामानव के प्रयास को हम सब बल दें। मौके पर जवाहरलाल भारद्वाज, अमिय कश्यप, प्रधानाध्यापक रंजन कुमार, अनुपमा कुमारी, कुंदन कुमार, पुरुषोत्तम कुमार एवं माया कौशल्या के रोशन कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।

Kunal Gupta
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