Tuesday, December 24, 2024
Patna

“5 वजहों से गई पटना में 6 लोगों की जान:बाहर भागने का रास्ता पड़ा छोटा,फायर ऑडिट रिपोर्ट की अनदेखी

पटना जंक्शन से 50 मीटर दूर पाल होटल में गुरुवार सुबह लगी आग में 6 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के पीछे नगर निगम, फायर ब्रिगेड के अधिकारियों को पाल होटल की लापरवाही नजर आ रही है। फायर ऑडिट रिपोर्ट में दिए निर्देश को पालन किया गया होता तो शायद 6 लोगों की जान ना जाती।

होटल की बिल्डिंग नगर निगम के मानकों के अनुरूप नहीं बनी है। बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बनाया गया है। एंट्री गेट छोटा, मानक के अनुरूप सीढ़ी का ना होना आदि कई कमियां सामने आई हैं, जिसने इस आग को विकराल रूप लेने पर मजबूर कर दिया। आइए जानते हैं, इस हादसे की पांच प्रमुख वजह…

पहले जानिए क्या है मामला

पाल होटल में गुरुवार सुबह अचानक आग लग गई। आग ने आसपास के 3 होटलों को भी अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में 6 लोगों की मौत हुई है। इसमें 3 महिला और 3 पुरुष हैं। 20 लोगों का इलाज अभी पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) में चल रहा है। मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। आग की लपटों के बीच 45 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाला गया।

पहली वजह: होटल में स्पेस कम और पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना

बिल्डिंग नगर निगम के मानकों के खिलाफ है। रेसिडेंशियल होटल खोलने के लिए स्पेस की जरूरत होती है, लेकिन पाल होटल का कंस्ट्रक्शन ही मानकों के विपरीत है। एक बिल्डिंग दूसरी बिल्डिंग से काफी सटी हुई है। पार्किंग की भी जगह नहीं है। नगर निगम ने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की, ये भी एक जांच का विषय है।

दूसरी बड़ी वजह: संकीर्ण एंट्री गेट और यही पर किचन का होना

पाल होटल की दूसरी सबसे बड़ी लापरवाही एंट्री गेट पर किचन का होना था। इस होटल की एंट्री गेट के साथ-साथ पीछे दो जगहों पर किचन है। आग होटल के किचन में रखी सिलेंडर में लगी। इसके बाद कड़ाही में रखा तेल भभक उठा। देखते-देखते पूरी बिल्डिंग में आग फैल गई। लोगों को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिला।

जब आग लगी, उस वक्त होटल की दूसरी मंजिल पर लोग खाना खा रहे थे। कुछ लोग नीचे बैठकर खा रहे थे। आग लगने के बाद सभी फंस गए। किसी को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। यहां की लिफ्ट भी बहुत दिनों से खराब है। एंट्री गेट छोटा होने की वजह से लोग बाहर निकल नहीं पाए।

तीसरी वजह: मानकों के अनुरूप नहीं थी सीढ़ी

पाल होटल के एंट्री गेट के पास ही सीढ़ी है। वो भी मानकों के अनरूप नहीं है। कम जगह में ही एडजस्ट कर सीढ़ी बनाई गई है। इस सीढ़ी से एक साथ एक ही व्यक्ति उतर या चढ़ सकता है। इसकी वजह से लोग चाह कर भी होटल से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

चौथी वजह: फायर सेफ्टी नियमों का नहीं किया ख्याल

फायर सेफ्टी अधिकारी के मुताबिक, पाल होटल में कुछ महीने पहले ही फायर ऑडिट किया गया था। जो कमियां थी, उसके बारे में प्रबंधन को बताया गया था। इसके बावजूद सेफ्टी के नियमों की अनदेखी की गई। अग्नि सुरक्षा से संबंधित मानकों का ख्याल नहीं रखा गया। बताए गए निर्देश का पालन नहीं किया गया।

पांचवी वजह: होटल में गैस सिलेंडर का स्टोर होना

होटल में नियमों को ताक पर रखकर गैस सिलेंडरों को स्टोर किया गया था। होटल में करीब 15 गैस सिलेंडर एक ही जगह स्टोर कर रखे गए थे। आग लगने के साथ सिलेंडर ब्लास्ट भी होने लगे। बम की तरह सिलेंडर ब्लास्ट हो रहे थे।

इस ब्लास्ट की वजह से एंट्री गेट पूरी तरह से जल उठा और लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। सिलेंडर को खुले में रखने के लिए स्टोर रूम भी नहीं था। ऐसी कोई व्यवस्था भी नहीं की गई थी कि आग लगने पर सभी सिलेंडर को जल्द से जल्द मौके से हटाया जा सके।

डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर मनोज कुमार।
डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर मनोज कुमार ने बताया कि होटल में फायर सेफ्टी का ख्याल नहीं रखा गया था। बिल्डिंग पुरानी है। पिछले दिनों फायर ऑडिट के दौरान कमियों को लेकर सुझाव दिए गए थे, लेकिन उसका अनुपालन नहीं किया गया।

घटना लापरवाही की वजह से हुई है। बिल्डिंग के निचले हिस्से में ही खाना बनाया जा रहा था, जबकि नियमानुसार ऐसा नहीं हो सकता है। बिहार अग्निशमन सेवा नियमावली 2021 और नेशनल बिल्डिंग अधिनियमों के तहत सुझाव दिया जाता है। बिहार बिल्डिंग बायलॉज के हिसाब से भी सुझाव दिया जाता है।

Kunal Gupta
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