Tuesday, November 26, 2024
Patna

जिले के 13159 छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दिया गया स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, राज्य में दूसरा स्थान

पटना।हाजीपुर.बिहार के 12वीं पास आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राएं गांव ही नहीं बड़े शहरों दिल्ली, बनारस, लखनऊ आदि जगहों पर जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अब सीबीसीएस के चार वर्षीय स्नातक,(बीए,बीएससी, बीकॉम) के साथ नए कोर्स आईटीआई एवं बीएड को भी सम्मिलित किया है।

 

स्नातकोत्तर और आईटीआई की पढ़ाई के लिए भी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत लोन का प्रावधान किया है। अब स्नातक व स्नातकोत्तर के छात्र व छात्राएं देश के कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु के टॉप संस्थानों में इसकी पढ़ाई कर सकते हैं। उन्हें अब पैसे की कमी नहीं होगी। डीआरसीसी, हाजीपुर प्रबंधक डा.रौशन आरा ने बताया कि इसकी शुरुआत पिछले वित्तीय वर्ष से हो चुकी है।

 

उन्होंने कहा कि जो छात्र चार वर्षीय स्नातक कोर्स में पहले से एडमिशन ले चुके हैं, उन्हें भी बाकी बचे सेमेस्टर या सालों के लिए इसका लाभ मिलेगा। मालूम हो कि बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम चार लाख रुपए तक का लोन देता है। इस योजना के तहत अबतक जिले में 13159 छात्राओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का लाभ दिया जा चुका है।

 

आईटीआई के छात्र को दो वर्षों के लिए 2 लाख रुपए मिलेंगे चार वर्षीय स्नातक, स्नातकोत्तर और आईटीआई की पढ़ाई के लिए तीन श्रेणी में राशि का प्रावधान है। अगर विद्यार्थी गांव में रह रहा है या वह बेहतर शिक्षा के लिए अपने शहर में रहकर पढ़ाई करना चाहता है तो उसे चार साल में 1.96 लाख रुपए मिलेंगे। आईटीआई के छात्र को दो वर्षों के लिए 2 लाख रुपए मिलेंगे। वहीं कोर्स पूरा होने के एक साल बाद छात्राओं को एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण चुकाना होगा। वहीं, छात्रों को चार प्रतिशत ब्याज पर ऋण चुकाना होगा। 2 लाख से नीचे की राशि लेने वालों छात्रों को 5 सालों में किस्तों के माध्यम से ऋण चुकाने होंगे। वहीं 2 लाख से ऊपर का 7 सालों में किस्तों के माध्यम से ऋण चुकाने होंगे।

 

अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठाएं ^चार वर्षीय स्नातक, स्नातकोत्तर के छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। आवेदन आने शुरू हो गए हैं। हमलोगों का प्रयास रहेगा कि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठाएं। इसके लिए कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाता है। :डॉ. रौशन आरा, प्रबंधक, डीआरसीसी, हाजीपुर।

Kunal Gupta
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