बिहार म्यूजियम में पहली बार होगा आठवां अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन, 300 प्रतिभागी लेंगे हिस्सा
पटना।बिहार में देश-विदेश के इतिहासकार, पुरातत्व वैज्ञानिकों, संग्रहालय विशेषज्ञों का जुटान होने वाला है। दरअसल, 4 अप्रैल से 7 अप्रैल तक बिहार संग्रहालय और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशालय की ओर से दक्षिण एशियाई पुरातत्व समिति (सोसा) का आठवां अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन बिहार संग्रहालय में आयोजित होगा। इस मौके पर दो खास व्याख्यान का आयोजन होगा, जिनमें बिहार से जुड़ी बातें होंगी।
फोटो एग्जीबिशन भी लगाया जाएगा
बिहार संग्रहालय में पहली बार इसका आयोजन किया जा रहा है। इस महासम्मेलन में कोरिया, श्रीलंका, ईरान समेत देश और विदेश दोनों से शोधकर्ता, इतिहासकार, संग्रहालय विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। इसमें लगभग 300 प्रतिभागी आएंगे। इसमें मुख्य वक्ता प्रो. वसंत शिंदे होंगे, जिन्होंने हड़प्पा की खुदाई पर काम किया है। उनके काम का फोटो एग्जीबिशन भी लगाया जाएगा, जिसमें हड़प्पा से जुड़ी चीजें देखने को मिलेंगी।
यह संगोष्ठी हर चार साल पर आयोजित होती है। पिछली बार यह कोलकाता में हुई थी। इस बार यह पटना के बिहार संग्रहालय में होगा। इस सेमिनार में पटना यूनिवर्सिटी के साथ साथ देश-विदेश के संस्थानों से विद्यार्थियों, अध्यापकों, शिक्षाविद व विषय के विशेषज्ञ भाग लेंगे। विशेषज्ञों के शोध के काम से संबंधित लेखों के संग्रह को आगे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
पटना।बिहार में देश-विदेश के इतिहासकार, पुरातत्व वैज्ञानिकों, संग्रहालय विशेषज्ञों का जुटान होने वाला है। दरअसल, 4 अप्रैल से 7 अप्रैल तक बिहार संग्रहालय और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशालय की ओर से दक्षिण एशियाई पुरातत्व समिति (सोसा) का आठवां अंतरराष्ट्रीय महासम्मेलन बिहार संग्रहालय में आयोजित होगा। इस मौके पर दो खास व्याख्यान का आयोजन होगा, जिनमें बिहार से जुड़ी बातें होंगी।
फोटो एग्जीबिशन भी लगाया जाएगा
बिहार संग्रहालय में पहली बार इसका आयोजन किया जा रहा है। इस महासम्मेलन में कोरिया, श्रीलंका, ईरान समेत देश और विदेश दोनों से शोधकर्ता, इतिहासकार, संग्रहालय विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। इसमें लगभग 300 प्रतिभागी आएंगे। इसमें मुख्य वक्ता प्रो. वसंत शिंदे होंगे, जिन्होंने हड़प्पा की खुदाई पर काम किया है। उनके काम का फोटो एग्जीबिशन भी लगाया जाएगा, जिसमें हड़प्पा से जुड़ी चीजें देखने को मिलेंगी।
यह संगोष्ठी हर चार साल पर आयोजित होती है। पिछली बार यह कोलकाता में हुई थी। इस बार यह पटना के बिहार संग्रहालय में होगा। इस सेमिनार में पटना यूनिवर्सिटी के साथ साथ देश-विदेश के संस्थानों से विद्यार्थियों, अध्यापकों, शिक्षाविद व विषय के विशेषज्ञ भाग लेंगे। विशेषज्ञों के शोध के काम से संबंधित लेखों के संग्रह को आगे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।